Shani Saade Sati: शनिदेव की साढ़े साती के दौरान जीना हो जाता है दूर्भर, जानें कितनी बार करना करना पड़ता है सामना
ज्योतिषी, Shani Saade Sati :- हिंदू धर्म में काफी सारे देवि देवताओं को पूजा जाता है. शनिदेव की भी हिंदू धर्म में काफी मान्यता है. शनिदेव को कर्म फल दाता भी माना जाता है. जब शनिदेव किसी से नाराज होते हैं तो उस व्यक्ति के जीवन में काफी सारी बाधाएं आती हैं. व्यक्ति के जीवन में साढ़ेसाती और ढैय्या का चक्र Start हो जाता है. शनिदेव की साढ़ेसाती 7 Year की होती है वहीं ढैय्या 2.5 साल की होती है. यह समय व्यक्ति के लिए बहुत ही कष्टदायक होता है. साढ़ेसाती की लंबी अवधि के दौरान Person को काफी सारी तकलीफों से गुजरना पड़ता है. आज हम आपको बताएंगे कि व्यक्ति के जीवन में साढ़ेसाती कब कब आती है.
किन पर पड़ता है शनिदेव की साढ़ेसाती का असर
साढ़ेसाती किसी भी एक राशि के जीवन में नहीं आती है. इसका प्रभाव अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग होता है. साढ़ेसाती के Effect के कारण 7 साल तक कुछ राशियों को शनि का तीव्र वेग झेलना पड़ता है, जिस राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती का असर होता है उस राशि के आगे और पीछे वाली राशि के व्यक्ति भी उसकी चपेट में आता है. शनि 12 राशियों में घूमने में 30 साल का समय लेता है. इस हिसाब से हर राशि में शनि ढाई साल तक रहता है. इस प्रकार एक व्यक्ति में शनि की साढ़ेसाती 3 बार आती है, यानी हर 30 साल के बाद व्यक्ति को शनि की साढ़ेसाती का चक्र भोगना पड़ता है.
किन- किन परेशानियों का करना होता है सामना
जब किसी भी राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है तब वह व्यक्ति बहुत ही परेशान हो जाता है. उस समय शनि उनके कर्मों का हिसाब करते हैं. साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक तौर पर कष्ट भुगतने पड़ते हैं. जीवन में साढ़ेसाती ढाई ढाई साल के तीन अंतराल में आती है. पहले अंतराल में व्यक्ति को आर्थिक परेशानी होती है. वही दूसरे और तीसरे अंतराल में कार्यक्षेत्र, पारिवारिक जीवन और सेहत को लेकर परेशानी आती है.
कैसे बचें शनि की साढ़ेसाती से
अगर हम 2023 की बात करें तो इस दौरान अभी शनि की साढ़ेसाती मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर चल रही है. ऐसे में इन राशि के लोगों को ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. इससे उनके ऊपर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम पड़ेगा और उन्हें कम कष्ट सहने पड़ेंगे.