Indian Army Meal: सेना ने मेन्यू में शामिल किया मोटा अनाज, अब ज्वार और बाजरा से बने खाने का मजा ले सकेंगे जवान
नई दिल्ली :- भारतीय सेना के खान-पान में बदलाव होने वाला है. मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने सैनिकों के राशन में मोटे अनाज के आटे को शामिल करने का फैसला किया है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया गया है और भारतीय सेना इसे ध्यान में रखते हुए मोटे अनाज की खपत को बढ़ावा देने का काम कर रही है. इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मोटे अनाज से तैयार आटे को जवानों को दिए जाने वाले आहार में शामिल करना शुरू किया गया है. बॉर्डर पर तैनात जवान भी बाजरे से बने खाद्य पदार्थों को खाएंगे. मोटा अनाज खाने से जवानों को भरपूर मात्रा में पौष्टिकता मिलेगी और पहले के मुकाबले उनका शरीर और भी अधिक मजबूत हो जाएगा.
50 साल के बाद सैनिकों को स्वदेशी अनाज कराया जायेगा उपलब्ध
सूत्रों के अनुसार, ऐतिहासिक निर्णय यह सुनिश्चित करेगा कि लगभग 50 साल के बाद सैनिकों को स्वदेशी और पारंपरिक अनाज राशन उपलब्ध कराया जाए, क्योंकि पहले के समय में गेहूं के आटे को बढ़ावा देने के लिए इन्हें बंद कर दिया गया था.
मोटे अनाज के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ
बता दें कि यह साबित किया जा चुका है कि पारंपरिक मोटा अनाज को खाने में इस्तेमाल करने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं. इसके अलावा हमारी भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल मोटे अनाज से तैयार खाद्य पदार्थ जीवन शैली से संबंधित बीमारियों को दूर करने और सैनिकों के संतोष और मनोबल को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. मोटा अनाज अब सेना में सभी रैंकों के दैनिक भोजन का एक अभिन्न हिस्सा रहेगा.
भारतीय सेना ने खुद की मोटे अनाज की मांग
भारतीय सेना ने कहा है कि मोटा अनाज हमारे देश का पारंपरिक भोजन रहा है. यह हमारे देश के भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल है. ऐसे में इसके सेवन से जवानों के अंदर रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ जाएगी. इससे जवान बीमार भी कम पड़ेंगे. साथ ही सैनिकों का मनोबल भी बढ़ेगा. बयान में ये भी कहा गया है कि आने वाले दिनों में मोटा अनाज धीरे- धीरे दैनिक भोजन बन जाएगा. जानकारी के मुताबिक, बाजरा में प्रोटीन के अलावा कई तरह के पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही फाइटोकेमिकल्स का भी यह एक अच्छा स्रोत है. ऐसे में इसके सेवन करने से सैनिक तंदरुस्त रहेंगे.
मोटे अनाज से स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए दी जा रही खास ट्रेनिंग
बता दें कि सेना ने जवानों से अपील की है कि वे अपने घर के अंदर भी मोटे अनाज के भोजन का ही प्रयोग करें. इसके लिए सेना के कैंटीनों में मोटा अनाज रखने का आदेश दिया गया है. वहीं, सरोइयों को मोटे अनाज से स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए खास ट्रेनिंग भी प्रदान करवाई जा रही है. जबिक, नॉदर्न बॉडर पर तैनात सैनिकों के लिए मोटे अनाज से बने खाद्य पदार्थों और स्नैक्स पर विशेष फोकस दिया जा रहा है. इसके लिए सीएसडी कैंटीन के माध्यम से मोटे अनाज के खाद्य पदार्थों को पेश किया जा रहा है.
किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार के कहने पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है. केंद्र सरकार किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए उसने ‘श्री अन्न’ नाम से एक योजना भी लॉन्च की है. सरकार का मानना है कि मोटे अनाज की खेती से पानी की बचत होगी, क्योंकि इसकी खेती में सिंचाई की बहुत कम आवश्यकता होती है. साथ ही लोगों को पौष्टिक आहार भी प्राप्त होगा.
मोटे अनाज खरीद में बाजरा, रागी और ज्वार को दी जाएगी प्राथमिकता
जानकारी के मुताबिक, सेना के जवान बाजरे के आटे से बने खाद्य पदार्थों का सेवन करेंगे. करीब 50 साल पहले सेना ने मोटे अनाज को बंद कर दिया था. इसकी जगह गेहूं के आटे का उपयोग किया जा रहा था. सेना ने एक बयान में कहा है कि अब सैनिकों के लिए राशन में गेहूं और चावल के अलावा मोटे अनाज का भी उपयोग किया जाएगा. खास बात यह है कि राशन में कुल अनाज का 25 प्रतिशत मोटा अनाज ही होगा. वहीं, मोटे अनाज खरीद में बाजरा, रागी और ज्वार को प्राथमिकता दी जाएगी.