Chandrayaan-3: जाने चाँद मामा के घर क्या रहा है चंद्रयान, कब करेगा धरती पर वापसी
नई दिल्ली :- Chandrayaan-3 का रोवर प्रज्ञान चांद पर सफल लैंडिंग के बाद काम करने लगा है. लैंडर और रोवर चांद पर 14 दिनों तक अध्ययन कर सकेंगे. डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSRC) के निदेशक, ने न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस से कहा, “गुरुवार देर रात लगभग 12.30 बजे रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह पर उतर गया. यह घूम रहा है और चंद्रमा की सतह पर अपना प्रभाव छोड़ रहा है.”
सोलर पैनल बाहर की ओर खुले
उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि रोवर के सोलर पैनल बाहर की ओर खुल गए हैं. लैंडर और रोवर चांद की गतिशीलता, सतह पर मौजूद प्लाज्मा के घनत्व, चांद की परत की रूपरेखा, सतह पर मौजूद कंपन, रसायन और खनिजों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे. चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल में मौजूद एक पेलोड भी पृथ्वी की निगरानी करता है. इस पेलोड के माध्यम से पृथ्वी की तरह ऐसे ग्रहों की खोज की जाएगी, जहां जीवन हो सकता है.
14 दिनों के बाद लैंडर और रोवर का क्या होगा
वास्तव में, Chandrayaan-3 के लैंडर और रोवर को एक चंद्रमा दिवस, या चौबीस दिन के लिहाज से बनाया गया था, क्योंकि सूर्य की रोशनी चांद पर चौबीस दिन तक ही रहती है. इसके बाद चांद की सतह अंधेरे रंग में बदल जाती है. अंधेरे की वजह से चांद का तापमान -200 डिग्री तक गिर जाता है, जो रोवर और लैंडर के उपकरणों को खराब कर सकता है. सूर्य की रोशनी मिलने पर उपकरण को फिर से काम करना चाहिए, लेकिन ऐसा होने की संभावना बहुत कम है.
क्या धरती पर आएंगे वापिस
चंद्रयान मिशन इन-सीटू और स्पेक्ट्रोग्राफ अनुसंधान करेगा. चंद्रमा पर रहते हुए प्रकाश के कणों और मिट्टी के सैंपल की जांच करके यानी चंद्रयान 3 का पेलोड रिपोर्ट भेज सकेगा. Chandrayaan-3 को चांद से वापस लाने का कोई लक्ष्य नहीं है. 14 दिनों तक चांद पर कई पोलेड्स के जरिए खोज करना मिशन का उद्देश्य है. जब मिशन लाइफ समाप्त हो जाएगा, सभी चंद्रयान उपकरण चांद की सतह पर ही रहेंगे.