Mughal Harem: हरम का दीवाना था मुग़ल बादशाह औरंगजेब, पर नाच- गाना नहीं ये काम था पसंद
नई दिल्ली, Mughal Harem :- मुगलों का मुद्दा सिर्फ उनके साम्राज्य के विस्तार तक सीमित नहीं था. साथ ही, वे अपनी निजी जिंदगी के बारे में अधिक जानना चाहते हैं. उसकी खाने-पीने की आदतों, रहन सहन बेगमों के साथ उनके संबंधों और Mughal Harem की रोचक कहानियों से मन मोहित हो जाता है. बाबर ने हिंदुस्तान में बहुत कम समय बिताया था, इसलिए बाबरनामा से हरम के बारे में बहुत कुछ पता चलता है. हुमायूं के बारे में सिर्फ इतना कहा जाता है कि वह परेशान रहता था. लेकिन औरंगजेब से लेकर अकबर तक हरम के बारे में पर्याप्त जानकारी है.
औरंगजेब के हरम में थी दो हजार स्त्रियाँ
औरंगजेब, जहांगीर और शाहजहां के हरम के बारे में विदेशी इतिहासकारों ने बहुत कुछ लिखा है. यहाँ बम बात औरंगजेब की होगी. औरंगजेब ने गद्दी पर काबिज होने के लिए अपने खुद के भाइयों का खून बहा दिया. औरंगजेब ने अपनी साधारण जिंदगी में नियंत्रण और साधारण व्यवहार पर इतना जोर दिया कि उसे जिंदा पीर कहते थे. औरंगजेब के बारे में कहा जाता है कि वह अपनी बेगम के प्रति वफादार था, इसलिए आपको लगता है कि हरम से दूसरा रिश्ता नहीं रहा होगा. हालांकि, यहीं आप गलत साबित होंगे.
अकबर के हरम में थी पाँच हजार स्त्रियां
शाहजहां के शासनकाल में इटली में रहने वाला मनूची ना सिर्फ शाहजहां के हरम के बारे में लिखता है बल्कि औरंगजेब के बारे में भी लिखता है. मनूची के अनुसार, उसने हरम की परंपरा का पालन किया. यह सच है कि अकबर की हरम में 5 हजार या 8 हजार से अधिक औरतें नहीं थीं, लेकिन 2 हजार से कम नहीं. औरंगजेब कहता है कि एक बादशाह को रंगीन वातावरण से दूर रहकर जनता के बारे में सोचना चाहिए. यही औरंगजेब के चरित्र में अंतर था.