Delhi News: दिल्ली IGI एयरपोर्ट जाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब मेट्रो से डायरेक्ट पहुंच सकेंगे टर्मिनल
नई दिल्ली :- Delhi के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को दिल्ली मेट्रो से टर्मिनल 2 सुरंग के माध्यम से जोड़ा जाएगा. डायल की मदद से DMRC द्वारा सबवे निर्माण के लिए निविदा जारी की गई है. अब दिल्ली में एयरपोर्ट के टी-1, टी-3 के बाद डोमेस्टिक उड़ानों के लिए इस्तेमाल होने वाली टी-2 के यात्री मेट्रो नेटवर्क के साथ सीधे जुड़ पाएंगे. दिल्ली मेट्रो डायल की सहायता लेकर एयरपोर्ट एक्सप्रेस के IGI मेट्रो स्टेशन से टी-2 को जोड़ने के लिए एक सुरंग बना रही है.
बिना लंबे चक्कर के अपने गंतव्य तक पहुँच पाएंगे यात्री
निर्माण के बाद टी-2 से हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट से मेट्रो स्टेशन तक आने-जाने में आसानी होगी. अब वे लंबा चक्कर बिना लगाए ही सुरंग के जरिए अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगे. जानकारी के लिए बता दें कि एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो स्टेशन और टी-2 को जोड़ने वाली इस सुरंग की लंबाई करीबन 70 मीटर, चौड़ाई 10 मीटर और ऊंचाई 4.2 मीटर होगी. यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए सुरंग में एस्केलेटर, लिफ्ट और उद्घोषक की व्यवस्था भी होगी.
समय की बचत और कम दूरी से बनेगी यात्रा सुविधाजनक
Delhi मेट्रो के पास ही सबवे के निर्माण से लेकर उसके परिचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा निर्माण और बाकी खर्च डायल वहन करेगी. अधिकारियों का मानना है कि निविदा के माध्यम से निर्माण कंपनी का चयन होने के बाद सबवे को पूरी तरह से बनने में 21 महीनों का समय लगेगा. फिलहाल एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के IGI टी-3 मेट्रो स्टेशन से आने वाले यात्री टी-3 तक सीधे पहुंच जाते हैं. परंतु वहां से टी-2 तक जाने के लिए उनको मेट्रो स्टेशन से बाहर आने के बाद भी 500 मीटर तक और आगे चलना पड़ता है. इसके लिए वह सार्वजनिक परिवहन बस या ऑटो लेते हैं या फिर पैदल जाते हैं.
रोजाना 42 हजार से अधिक यात्री करते हैं टी-2 से सफर
करीबन 70 मीटर लंबे इस सबवे के जरिए यात्री स्टेशन से निकलने के बाद सीधा टी-2 तक जा पाएंगे. Delhi एयरपोर्ट के टी-2 से केवल Domestic हवाई यात्रा की उड़ाने होती हैं. हर दिन यहां से लगभग 50 से 60 उड़ानें देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों के लिए होती हैं. हर दिन यहां से लगभग 42,000 से भी ज्यादा यात्री सफर करते हैं. सबवे के निर्माण के बाद यात्री मेट्रो से सीधे टर्मिनल 2 तक जा पाएंगे. सबवे के निर्माण के लिए बॉक्स पुशिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक की मदद से काफी बड़े पैमाने पर खुदाई करने की जरूरत नहीं पड़ती. सबवे के निर्माण के लिए यह तकनीक पारंपरिक कट और कवर तकनीक के मुकाबले काफी तेज है.