Mughal Harem: मुगल हरम में रानियों के सामने ही शहज़ादियों के साथ ये काम कर देते थे बादशाह, मस्ती के लिए होता था इन दवाइयों का सेवन
नॉलेज डेस्क :- बहुत सालों तक भारत पर मुगलों ने शासन किया था. Mughal शासन से संबंधित काफी सारी चीजें किताबों में लिखी गई है. जिन लोगों को History से प्यार है वह मुगल काल के बारे में जानने के लिए काफी Excited रहते हैं. इतिहास प्रेमियों के पास आपको हमेशा पुरानी किताबों का Collection मिलेगा. ऐसे बहुत से संकलन है जिनमें आपको मुगलों से संबंधित काफी अनकही बातें छिपी मिलेगी. आज हम आपको इस पोस्ट में मुगलों के स्वादिष्ट भोजन के बारे में बताएंगे.
खाने से पहले कौन तय करता था कि कौन से व्यंजन बनेंगे
पुर्तगाली व्यापारी मैनरिक द्वारा मुगल बादशाह के शासन पर एक किताब लिखी गई थी. उनकी किताब में उन्होंने लिखा है कि शाहजहां ने मुगलों की परंपरा को आगे बढ़ाया था. Mughal शासक और उनके करीबियों को खाना परोसने की जिम्मेदारी किन्नरों की थी. खाना बनाने से पहले हकीम सहायक यह तय करते थे कि किस दिन कौन सा व्यंजन बनेगा. डच व्यापारी फ्रैंसिस्को पेल्सार्त ने भी अपनी किताब जहांगीर्स इंडिया में मुगलों के खाने-पीने को लेकर जिक्र किया है.
क्यों होता था चावल के दोनों तरफ चांदी के कवर का इस्तेमाल
Mughal के खाने-पीने का जिक्र मैनरिक की किताब ट्रेवल्स ऑफ फ़्रे सेबेस्टियन मैनरिक में भी किया गया है. वह अपनी किताब में लिखते हैं की हर दिन मुगलों को शाही व्यंजन भरोसा जाता था. वे ऐसा भोजन करते थे जिससे कि उन्हें ऐसी चीजें और औषधियां मिले जिसकी मदद से वह स्वस्थ और मजबूत रहे. यह सब कुछ उनके स्वास्थ्य के हिसाब से तय किया जाता था. इसके अलावा चावल के दोनों तरफ चांदी के कवर का इस्तेमाल होता था. इसकी वजह यह बताई जाती थी कि चांदी की मदद से खाना पचाने में आसानी होती है.