Haryana News: हरियाणा को मिला एक और आयोग, जानकारी न देने पर विभागों पर लेगा एक्शन
चंडीगढ़ :- Haryana Government ने राजन गुप्ता की अध्यक्षता में गठित रेशनलाइजेशन आयोग के संरचना और कार्य क्षेत्र के बारे में Notification जारी कर दिया है. नोटिफिकेशन में बताया गया है कि आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति 6 Months के लिए की जाएगी. सरकार के कहने पर उनका कार्यकाल 3 महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है. आयोग के अध्यक्ष का पद हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव के समक्ष होगा. आयोग का मुख्यालय पंचकूला में होगा आइए जानते हैं क्या क्या कार्य कर सकता है आयोग.
आयोग का मुख्यालय होकर चंडीगढ़- पंचकूला
सरकार का कहना है कि आयोग एक स्वायत्त और स्व- नियामक निकाय के रूप में कार्य करेगा. इससे संबंधित जितने भी विभाग हैं उसमें आयोग रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. प्रशासनिक सचिव को उस विभाग के Rationalization के प्रयोजन के लिए आयोग के सदस्य के रूप में रखा जाएगा. यह सदस्य संबंधित विभाग के रेशनलाइजेशन के उद्देश्य से आयोग के सभी विचार विमर्श में पूरी तरह से हिस्सा ले सकते हैं.
पदों को भरने की क्या होगी प्रक्रिया
अगर हम रेसमाइजेशन आयोग में भर्ती की Process की बात करें तो Rationalization आयोग के सुचारू कामकाज के लिए अध्यक्ष के परामर्श से राज्य सरकार आयोग के लिए अपेक्षित पदों को ही मंजूरी देगी. इन पदों को आयोग द्वारा अलग-अलग तरीके से भरा जाएगा. हरियाणा राज्य के किसी भी विभाग, Board या निगम से प्रतिनियुक्ति पर और Haryana राज्य के किसी भी विभाग, बोर्ड या निगम से सेवानिवृत्त व्यक्ति को पूर्ण नियुक्त किया जाएगा. इसके साथ साथ State Government के द्वारा कुछ निर्देश और नीति बनाई जाएंगी, उनके अनुसार Contract रोजगार के माध्यम से इन पदों को भरा जाएगा.
6 महीने में देनी होगी रिपोर्ट
आयोग को अपनी Final Report को 6 महीने के अंदर देना होगा. लेकिन सरकार द्वारा इस अवधि को 3 महीने तक बढ़ा दिया गया है. यदि सरकार उचित समझती है तो इस कार्यकाल को इसी प्रकार से आगे बढ़ा सकती है.
आयोग के यह होंगे काम
सरकार द्वारा आयोग कार्यकर्ताओं के काम को बांट दिया गया है. आयोग सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को पहले से भी ज्यादा कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए दृष्टि से कर्मचारियों की संख्या के युक्तिकरण के लिए अलग-अलग सरकारी विभागों, बोर्डों और नियमों के पुनर्गठन के लिए सिफारिशें करेंगे. इसके बाद हर विभाग बोर्ड और निगम के स्वीकृत भरे हुए और रिक्त पदों की समीक्षा करेंगे. साथ ही रिक्त पदों के लिए युक्तिकरण के लिए सिफारिश की जाएगी. विभागों, बोर्डों और नियमों के मुख्यालय के साथ-साथ फील्ड स्तर पर भी संगठनात्मक संरचना का अध्ययन किया जाएगा जो भी अधिक उत्तरदाई और कुशल बनाने के लिए सिफारिश करेगा सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों की दक्षता में सुधार के लिए और भी अधिकारियों को अधिक जवाब दे बनाने के लिए प्रबंध प्रणालियों की सिफारिश की जाएगी. आयोग का काम विभिन्न विभागों के कर्तव्य और कार्यों के चार्ट की तैयारी के लिए सिफारिशें करना भी होगा. इन सभी कर्तव्य और कार्यों को कुशल पूर्वक निर्वहन करने के लिए उचित प्रशासनिक संरचना का सुझाव देना भी आयोग के कार्य में शामिल होगा. इसके अलावा हरियाणा राज्य में सरकारी विभागों बोर्डों और निगमों के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार लाने के लिए भी सिफारिश करेगा.
आयोग की यह होंगी शक्तियां
आयोग के पास अपनी कुछ Powers भी होंगी. इन शक्तियों की सहायता से आयोग स्वयं की प्रक्रिया तैयार करेगा. आयोग अपने सभी कामकाज का रिकॉर्ड रखेगा. आयोग के पास किसी भी विभाग, बोर्ड या निगम से किसी भी प्रकार की जानकारी मांगने की पूर्ण शक्ति होगी. आयोग के पास स्वीकृत पदों की संख्या भरे हुए और ऐसे पदों के विरुद्ध नियोजित कर्मचारियों के प्रकार पिछले वर्षों के दौरान किए गए बजटीय प्रावधान और वास्तविक व्यय सहित विभाग का बजट विभाग के कर्तव्य और उत्तरदाई कि प्रकृति विभाग द्वारा संभाले जा रहे विषयों से संबंधित कानून नियम और निर्देश तथा आयोग द्वारा अपने विचार विमर्श के लिए प्रासंगिक मानी गई कोई अन्य जानकारी भी रखने की शक्ति होगी.
जानकारी न देने पर की जाएगी कार्रवाई
कोई भी अधिकारी या कर्मचारी आयोग के कहने पर जानकारी नहीं देता है तो वह Haryana Civil Service Penalty और अपील नियम 2016 या उसके लिए लागू किसी भी संबंधित नियम के तहत सरकार के संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुशासनहीनता के लिए कार्यवाही करने के लिए उत्तरदाई होगा. आयोग द्वारा मांगी गई जानकारी को अधिकारी और कर्मचारी को Details में देना ही होगा. जानकारी ना देने पर आयोग उन पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है.