Chanakya Niti: भूलकर भी ऐसे व्यक्ति से ना करें प्यार, वरना जीवन भर रहेंगे परेशान
Chanakya Niti :- भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीति शास्त्र आज के युग में भी इंसानों के लिए काफी महत्व रखता है. चाणक्य नीति शास्त्र राजा महाराजाओं के शासनकाल के समय का है. चाणक्य की नीतियों के बल पर कई राजाओं ने अपना शासन सफलतापूर्वक चलाया. इन्हीं नीतियों के दम पर ही चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया. चाणक्य की नीतियों को आज के युग में भी काफी प्रसांगिक माना जाता है. ये नीतियाँ आज भी लोगों का दिशानिर्देश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
प्रेम के मामले में चाणक्य की नीतियां
बता दे कि, चाणक्य की नीतियां आज भी व्यक्तिगत जीवन में नौकरी – चाकरी से लेकर रिश्तो में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आचार्य चाणक्य द्वारा प्रेम के मामले में भी महत्वपूर्ण नीतियां बनाई गई है. चाणक्य ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को अपने प्रेम को कैसे चुनना चाहिए. आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से. आप ये पोस्ट KhabriRaja.Com वेबसाइट पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है हमें Comment Box मे जरूर बताएं.
बराबरी वाले व्यक्ति से ही करने चाहिए संबंध स्थापित
जानकारी के मुताबिक, चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में एक श्लोक लिखा है जिसके माध्यम से उन्होंने बताया कि व्यक्ति को अपनी बराबरी वाले व्यक्ति से ही प्रेम संबंध स्थापित करने चाहिए, क्योंकि बराबरी ना होने पर अथवा असमानता होने पर प्रेम संबंधों में कटुता उत्पन्न होकर दरार पड़ सकती है. जिन रिश्तों में समानता नहीं होती अक्सर ऐसे रिश्ते सफल नहीं हो पाते और बीच में ही टूट जाते हैं.
गुस्सैल व्यक्ति कभी भी तोड़ सकते हैं रिश्ता
आचार्य चाणक्य का कहना है कि गुस्सैल व्यक्ति अपने आसपास की खुशियों को भी ठीक से जी नहीं पाते हैं. वे उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. ऐसे व्यक्ति गुस्से में आकर जल्द ही रिश्तो को तोड़ देते हैं. अधिक गुस्सा करने वाले व्यक्ति से प्रेम संबंध बनाने के बाद आपको अपने जीवन में खुशियां मिलेंगी, इसकी कल्पना करना तो आपको छोड़ ही देनी चाहिए. इसीलिए प्यार करने से पहले व रिश्तो को बनाने से पहले इन सब बातों का ध्यान अवश्य रखें.
धैर्यवान व्यक्ति से करने चाहिए संबंध स्थापित
बता दे कि आचार्य चाणक्य की एक अन्य नीति यह भी कहती है कि जिस व्यक्ति में धैर्य होता है वह सभी तरह की परिस्थितियों का सामना करने में सफल होता है ऐसे में अगर स्त्री व पुरुष दोनों को धैर्यवान व्यक्ति से प्रेम संबंध स्थापित करते हैं तो उनका रिश्ता अधिक सफल होने की संभावना होती है.
पत्नी के धैर्य की शादी से पहले लेनी चाहिए परीक्षा
चाणक्य ने अपने श्लोक के द्वारा कहा है कि व्यक्ति को शादी से पहले अपनी पत्नी के धैर्य की परीक्षा अवश्य लेनी चाहिए, क्योंकि यदि स्त्री धैर्यवान होगी तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी आपका हाथ थामें खड़ी रहेंगी. वह आपका साथ कठिन से कठिन परिस्थिति में भी कभी नहीं छोड़ेगी. धैर्यवान व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी कभी धोखा नहीं देते है.