Haryana News: कॉलोनी में रहने वालो को हरियाणा सरकार का बड़ा तोहफा, शुरू की ये नई योजना
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार द्वारा एक और एकमुश्त समाधान योजना विवादों का समाधान की शुरुआत की गयी है. दरअसल, बकाया लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क और उस पर लागू ब्याज जमा करने में कुछ कॉलोनाइजर चूक किया करते थे. इन्हीं कॉलोनाइजरों को Haryana Government द्वारा योजना की शुरुआत कर राहत की सांस प्रदान की गई है. बता दें कि, योजना अधिसूचना से 6 महीने की अवधि तक खुली रहेगी.
पुराने नियमों में किया गया बदलाव
जैसा कि आप सब जानते हैं कि, हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के नियमन, नियम 1976 के 13 के अनुसार License Holders को लाइसेंस की वैधता अवधि के भीतर विकास कार्यों को पूरा करने में विफल रहने पर लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है. यदि लाइसेंसधारी को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए प्रस्तुत करने में बिलम्ब हो जाता था या घाटे के नवीनीकरण शुल्क के मामले में 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज शुल्क का भुगतान करना होता है.
EDC राहत नीति की तर्ज पर किया गया है तैयार
इसलिए आंवटी के हितों की रक्षा करने के लिए, विवाद का समाधान पेश करते हुए, यह एकमुश्त राहत नीति, जिसे EDC राहत नीति ‘समाधान से विकास’ की तर्ज पर तैयार किया गया है. योजना के अनुसार अब ऐसे विलम्बो को बिलंबित अवधि के लिए 18 प्रतिशत प्रतिवर्ष के बराबर संयोजन शुल्क चार्ज करके संयोजन नीति के अनुसार संयोजित किया जाता है. आप ये खबर KhabriRaja.Com वेबसाइट पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है हमें Comment Box मे जरूर बताएं.
योजनाएं की मुख्य विशेषताएं –
पहली विशेषता के अनुसार, यदि कोई कॉलोनाइजर नवीनीकरण शुल्क के खिलाफ बकाया मूल राशि का 100 प्रतिशत जमा करता है और लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क की मूल राशि का 25 प्रतिशत ब्याज के रूप में जमा कर देता है यानी कुल बकाया 125 प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क जमा कर देता है तो ऐसे लाइसेंस को नवीनीकरण के लिए पात्र माना जाएगा.
दूसरी विशेषता के अनुसार, यदि कोई कॉलोनाइजर नवीनीकरण शुल्क के विरुद्ध बकाया मूल राशि का 100 प्रतिशत जमा करता और मूल राशि का 10 प्रतिशत ब्याज के रूप में जमा करता है. यानी बकाया नवीनीकरण शुल्क का 110 प्रतिशत जमा करता है तो ऐसे लाइसेंस हेतु नवीनीकरण के लिए भी विचार किया जा सकता है.
इसके साथ ही यदि कोई कॉलोनाइजर इस योजना का विकल्प दे देता है, तो लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क के रूप में मूल राशि का 100 प्रतिशत जमा करना एक वैधानिक शुल्क होने की पहली – आवश्यकता होगी.
बता दें कि नीति को बढ़ावा देने व शीघ्र अपनाने के लिए यह फैसला लिया गया है कि Developers लंबित नवीकरण फीस का 1.5 प्रतिशत की अदायगी करेगा और इसके बाद योजना जारी रहने तक वह हर माह अदायगी करने का पात्र रहेगा.