Monsoon Update: मौसम विभाग के पूर्वानुमान ने सबको डराया, अबकी बार मानसून मे होगी सिर्फ इतनी बारिश
नई दिल्ली :- स्काईमेट वेदर के मुताबिक भारत पर El Nino के प्रभाव की वजह से सूखे की 20 % संभावना बढ़ गई है. IMD के मुताबिक इस साल संभावना है कि देश में 96 % बारिश हो. स्काईमेट वेदर जोकि निजी मौसम पूर्वानुमान करता है उन्होंने हाल ही में कहा है कि इस साल मानसून की हालत कमजोर रह सकती हैं. जिसकी वजह से काफी राज्यों में कम बारिश होने का अनुमान है. परंतु IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने इस संभावना का बिल्कुल विपरीत अनुमान लगाया है. उन्होंने हाल ही में बयान दिया है कि इस साल El Nino का प्रभाव कम देखने को मिलेगा. जिसकी वजह से मॉनसून में सामान्य बारिश हो सकती है.
क्या El Nino का बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा इस साल
बता दें कि स्काईमेटवेदर का मानना है कि अल्लीनों की वजह से सूखे की संभावना 20 per cent बढ़ चुकी है. वही IMD ने यह कहा है कि इस साल देश में 96 per cent बारिश हो सकती है. लेकिन मौसम विभाग ने साथ साथ ही यह भी कहा है कि हो सकता है अगस्त सितंबर के महीने में El Nino का प्रभाव देखने को मिले. आप ये लेख KhabriRaja.Com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
प्रभाव दिखने के बावजूद भी केरल पश्चिम बंगाल झारखंड बिहार और तमिलनाडु के साथ-साथ कई राज्यों में सामान्य या उससे ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है. यदि स्काईमेट वेदर के पूर्व कथन को माना जाए तो इस साल कम बारिश की वजह से धान की फसल पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. पिछले ही वर्ष झारखंड बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बाकी राज्यों में कम बारिश हुई थी जिसकी वजह से खेतों में लगी धान की फसल सूख गई थी.
कई जिलों को कर दिया था सूखाग्रस्त घोषित
इसकी वजह से सरकार ने काफी जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया था. बिहार राज्य में तो उन जिलों में मुआवजा बांटा गया था जिन को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था. आंध्र प्रदेश तमिलनाडु बिहार केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भारी मात्रा में धान की फसल उगाई जाती है. धान जोकि खरीफ फसल है इसे पानी की काफी ज्यादा जरूरत पड़ती है. यदि मॉनसून में सामान्य बारिश नहीं हुई तो धान की फसल पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है जिसकी वजह से किसानों को काफी कुछ झेलना पड़ेगा. इसके चलते धान का उत्पादन कम होगा और महंगाई बढ़ जाएगी.
किसानों को झेलना पड़ेगा भारी आर्थिक नुकसान
कुछ राज्य ऐसे भी थे जहां पर अगस्त के महीने में जरूरत से ज्यादा बारिश हो गई थी जैसे कि उत्तरी बिहार महाराष्ट्र पूर्वी उत्तर प्रदेश और कई उत्तर पूर्वी राज्य. इन राज्यों में ज्यादा बारिश की वजह से बाढ़ आ गई थी और धान के सहित दूसरी खरीफ फसलें भी खराब हो गई थी. पिछले ही महीने देखें तो बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से रवि फसलें भी काफी खराब हो गई थी.
उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के साथ-साथ काफी राज्यों में 500000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा. सरसों और दलहन की फसल भी बेमौसम बारिश की वजह से बर्बाद हो गई. इन सब की वजह से किसानों को भारी मात्रा में आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा. केंद्र सरकार ने तो यह भी मान लिया है कि इस सीजन में 1 लाख टन गेहूं कम उगाया जाएगा. इसके चलते यदि रबी फसल के नुकसान के बाद अब बरसात की वजह से खरीफ फसल को नुकसान पहुंचा तो किसानों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो जाएगी.