Atiq Ahmed Case: अतीक- अशरफ मर्डर केस का हरियाणा से निकला कनेक्शन, पानीपत में जन्मा था शूटर अरुण मौर्या
उत्तर प्रदेश, Atiq Ahmed Case :- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई जिसमे माफिया भाइयों की हत्या की गई. इस हादसे की कड़ी हरियाणा से जुड़ी है क्योंकि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाले Shooters में से एक हत्यारे का जन्म पानीपत में हुआ था और वह पानीपत में ही रह रहा था.
गोलगप्पे की रेहड़ी लगाते हैं अरुण मौर्य के पिता दीपक कुमार
अरुण मौर्य के पिता दीपक कुमार और उनके पिता मथुरा प्रसाद साथ में काफी समय से पानीपत में मजदूरी करा करते थे. उन्होंने गांव में लगभग डेढ़ बीघा जमीन खरीदी हुई है लेकिन इतने से उनका काम नहीं चल पाता था. इसके बाद भी काफी समय तक उन्होंने मजदूरी और आदि काम किया जिससे कि वह अपना गुजारा कर सकें। 8 साल पहले दीपक अपने गांव में वापस चले गए थे. वहां उन्होंने Auto चलाना शुरु कर दिया था. काफी समय तक Auto चलाने के बाद दीपक का Auto में Accident हो गया था. उसके बाद दीपक ने Auto चलाना बंद करके गोलगप्पे की रेहड़ी लगाना शुरू कर दिया.
6 महीने पहले Shooter अरुण वापस चला गया था गांव
अरुण मौर्य पहले पानीपत में रहा करता था परंतु लगभग 6 महीने पहले उसका पानीपत में किसी से झगड़ा हो गया था जिसके बाद वह गांव आ गया था. उसके हाथ में Fracture भी था. वह गांव में 3 दिन रुकने के बाद वापस चला गया था. फिलहाल वह पानीपत के विकास नगर की एक Factory में रह रहा था जहां पर उसके दादा मथुरा प्रसाद चौकीदार है. अरुण जिसको कालिया के नाम से भी जाना जाता है उसके दो छोटे भाई हैं जिनका नाम धर्मेंद्र और आकाश है. उसके दोनों भाई फरीदाबाद में कबाड़ को बेचने और खरीदने का काम करते हैं. आप ये लेख KhabriRaja.Com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
अरुण के घर वाले भी पुलिस के आने से पहले हो गए थे फरार
अरुण मौर्य के चाचा और चाची जिनका नाम लक्ष्मी देवी है दोनों गांव में रहते हैं. अरुण की चाची लक्ष्मी ने पुलिस को कहा है अरुण काफी समय पहले गांव आया था लेकिन उसके बाद वह आज तक नहीं आया और यहां तक कि जब वह गांव आया करता था तब वह किसी से बात तक नहीं करता था. अरुण के पिता दीपक कुमार इस बारे में कुछ नहीं पता था कि उसके बेटे के द्वारा माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या हो चुकी है. दीपक कुमार की पत्नी केला देवी उनकी बेटी सपना सुबह 9 बजे तक अपने गांव में थे और गोलगप्पे की ठेली लगा रहे थे.
गांव वालों से मिली परिवार की जानकारी
अरुण मौर्य के घर वालों को इस घटना का पता Social Media के द्वारा सुबह 8:00 बजे के बाद चला. जैसे ही उनको इस बात की जानकारी मिली वे लोग पुलिस के आने से पहले अपने घर से फरार हो गए. गांव में आसपास के लोगों से पता चला कि 8 से 9 बजे तक के बीच में अरुण का परिवार गोलगप्पे की रेहड़ी लगाने की तैयारी कर रहा था. लेकिन तैयारी करते करते अचानक वे लोग गायब हो गए. पुलिस की टीम के गांव में पहुंचने से पहले ही वह फरार हो चुके थे. पुलिस ने वहां पहुंचने के बाद गांव वालों से फोटो के जरिए अरुण मौर्य और उसके परिवार की पहचान कराई और बाकी जानकारी इकट्ठा करनी शुरू कर दी. गांव वाले भी यह पूरी वारदात सुनकर चौक गए और उन सब ने चुप्पी साध ली.