Haryana News: इस IAS ऑफिसर का 31 साल मे 55 बार हुआ ट्रांसफर, जाने अशोक खेमका की हर पोस्टिंग पर क्यों हुए विवाद
नई दिल्ली :- अशोक खेमका एक बेहद ही ईमानदार और IAS अधिकारी रहें है. अपने अत्यधिक Transfers के कारण वह हमेशा चर्चाओं में बने रहे. 31 साल में उनके 55 ट्रांसफर कर दिए गए हैं. बता दें कि, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा की लैंड डील की जांच करने से वह सुर्खियों में आए थे. अभी अशोक खेमका पुरातत्व विभाग हरियाणा सरकार और नूह जिले के प्रशासनिक सचिव के रूप में कार्यरत है.
जानिए अशोक खेमका के बारे में
जानकारी के मुताबिक, अशोक खेमका कोलकाता में पैदा हुए थे. वह एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे. उनके पिता एक जूट कारखाने में क्लर्क के पद पर आसीन थे. अशोक खेमका ने 1988 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनीयरिंग में बी.टेक की डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि भी हासिल की. इसमें उन्होंने टॉप किया था. उसके बाद उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई से कंप्यूटर साइंस में Ph. D किया. फिर उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में MBA की डिग्री प्राप्त की. तत्पश्चात उन्होंने आईएएस की परीक्षा को पास किया. उनका चयन हरियाणा कैडर में हुआ. उन्होंने IGNOU से अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की. बता दें कि, अशोक खेमका 1991 बैच के IAS अधिकारी रहें हैं.
भ्रष्टाचार के भीषण दुश्मन अशोक खेमका
बता दें कि, अशोक खेमका 1991 में हरियाणा कैडर के बैच के IAS अधिकारी पद को Join किया था. जिन विभागों में भी उनकी ड्यूटी लगी उनमें उन्होंने भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंका. इसी कारण से हरियाणा के अपने गृह कैडर में उनका बार-बार तबादला किया गया. 2012 में केंद्र में कांग्रेस की अगुआई वाली UPA सरकार सत्ता में थी. हरियाणा में भी कांग्रेस की ही सरकार थी. उस समय अशोक खेमका द्वारा रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ के बीच हुए जमीन सौदे का म्यूटेशन रद्द करने का आदेश दिया गया था. अशोक खेमका की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हर किसी ने उनकी प्रशंसा की है.
31 साल के करियर में 55 बार ट्रांसफर
खेमका के तबादले होने बंसीलाल के नेतृत्व वाली सरकार से शुरू हो गए थे. INLD सरकार में अशोक खेमका का 5 वर्ष में 9 बार तबादला किया गया. उन्होंने लगभग हर राजनीतिक दल की सरकार से टक्कर ली हुई है. इसके कारण खेमका को बार-बार तबादले की समस्या को भुगतना पड़ा. एक बार तो उनसे सरकारी गाड़ी भी जब्त कर ली गई थी. खेमका पैदल ही घर से ऑफिस आया – जाया करते थे. वह अपने खिलाफ Charge sheet को भी भुगत चुके हैं. अशोक खेमका ने अपने 31 साल के करियर में लगभग 55 बार ट्रांसफर की समस्या को झेला है. अशोक खेमका की जीवनी ‘Just Transferred The Untold Story Of Ashok Khemka’ का 2020 में विमोचन किया गया था. उस समय देश में काफी हंगामा किया गया. यह पहली बार हुआ था कि जब हरियाणा कैडर के किसी अधिकारी के Service Period पर ही कोई किताब छपी थी.