Rajasthan News: पति सुरेंद्र बड़सरा ने दी थी शहादत, अब पत्नी निशा कुल्हरी बनीं देश की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर
झुंझुनू, Nisha Kulhari Major Surendra Singh :- राजस्थान के शेखावटी अंचल के लिए गर्व का विषय है. यहां के सीकर के गांव कूदन की बहू व झुंझुनू के गांव सांगासी की बेटी निशा कुल्हरी को साल 2023 में भारतीय सेना की Non-Medical ब्रांच में कर्नल का पद दिया गया है. निशा को पहले बैच का अधिकारी पद सौंपा गया है. उन्हें सेना के कमांडिंग ऑफिसर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई है. आप ये पोस्ट KhabriRaja.Com वेबसाइट पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है हमें कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
वीरगति को प्राप्त हो गए निशा कुल्हरी के पति
जानकारी के मुताबिक, निशा कुल्हरी के पति सुरेंद्र सिंह बड़सरा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में ड्यूटी कर रहे थे. 3 मई 2012 को कुपवाड़ा सेक्टर में भारतीय जवानों की आतंकवादियों से मुठभेड़ हो गई थी. मेजर सुरेंद्र बड़सरा ने 6 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था. इस दौरान ही उनके पेट में गोली लग गई. जिसके कारण उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई और वे घायल हो गए थे. डेढ़ महीने तक इलाज चलने के बाद 21 जून 2012 को सुरेंद्र सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए.
बचपन से था फौजी बनने का सपना
बता दें कि मीडिया से बातचीत करते हुए झुंझुनू के गांव संगासी निवासी राजेंद्र पाल ने कहा है कि उनकी बेटी निशा कुलहरि को Non Medical व Non-Technical ब्रांच की पहली कर्नल बनाया गया है. वह बचपन में अपने फौजी दादा हरिसिंह सूबेदार की वर्दी पहना करती थी और कहती थी कि वह भी एक दिन फौजी बनकर दिखाएगी. उनका यह सपना अब सच हो गया.
बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना ज्वाइन कर ली थी ज्वाइन
जानकारी के मुताबिक, निशा स्कूली दिनों में एथलीट रही थी. उन्होंने साल 2002 में बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना ज्वाइन कर ली थी. उनकी पहली पोस्टिंग कारगिल में हुई थी. निशा की शादी 2007 में सीकर जिले के गांव कुदन निवासी मेजर सुरेंद्र सिंह से तय की गई. सुरेंद्र सिंह भी 2002 में ही फौजी बने थे. ब्लैक कैट कमांडो रहे सुरेंद्र बड़सरा NSG में एंटी हाईजैकिंग ऑपरेशन में Master के पद पर आसीन थे.