‘जितनी दारू पियोगे- उतनी होगी गौसेवा’, हरियाणा में इस नई तकनीक से सरकार का होगा बंपर फायदा
चंडीगढ़ :- दिल्ली में रहने वाले शराबियों को हमेशा इस बात का दुख रहता है कि हरियाणा में शराब दिल्ली के मुकाबले सस्ते दामों में मिलती है. लेकिन अब हरियाणा में भी शराब महंगी हो चुकी है. हरियाणा के द्वारा शराब पर Cow Cess लगाया गया है. हरियाणा में शराब की बोतल के ऊपर ₹5 Cess लगाया गया है. यह फैसला हरियाणा की कैबिनेट के द्वारा 9 मई को हुआ था. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस कैबिनेट मीटिंग के अध्यक्ष थे.
काऊ सेस के ज़रिये 400 करोड़ रुपए वसूलने का बनाया जा रहा है लक्ष्य
नई नीति के तहत फुटकर परमिट शुल्क अब शराब की बिक्री पर शुरू हो जाएगा. जब आप शराब की बोतल खरीदेंगे तब आपको इस शुल्क को भरना पड़ेगा. जानकारी के अनुसार अधिकारियों ने बताया है कि इस वित्त वर्ष में Cow Cess से 400 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य बनाया जा रहा है. हरियाणा गऊ सेवा आयोग के Vice Chairman पूरन यादव से पता चला है कि यह रकम जुटाने के बाद इसको पंचायत की जमीन पर गौशाला बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल गुरुग्राम के अंदर 23 और साथ में पूरे राज्य में 650 गौ आश्रय हैं. इन गौ आश्रयों में करीब 500000 आवारा पशु रहते हैं. इस क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य बनाया जा रहा है जिससे कि पूरे साल चलाए जाने वाले बचाव कार्यों में मिलने वाले पशुओं के लिए अच्छी व्यवस्था करी जा सके.
हिमाचल प्रदेश में भी लगाया जा चुका है शराब पर काऊ सेस
गोबरधन योजना के साथ गौशालाओं को जोड़े जाने का प्रयास किया जाएगा जिसके अंदर हर जिले में बायोगैस प्लांट बनवाए जाएंगे. हरियाणा सरकार को शराब की बिक्री से 1500 करोड़ से भी ज्यादा Revenue मिलता है. हाल ही में The Tribune ने एक खबर छापी थी जिसके मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में हरियाणा सरकार को शराब की बिक्री से 1508 करोड़ रुपए का Revenue मिला था. इस Revenue में सबसे ज्यादा हिस्सा गुरुग्राम का था. गुरुग्राम से सरकार को शराब की बिक्री से 400 करोड़ से ज्यादा राजस्व मिला था. हिमाचल प्रदेश की सरकार ने भी पहले इस तरह का Cess लगाया था. मार्च में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में Cow Cess लगाया था. वहां पर सेस ₹10 लगा था. CM सुखों यह Cess लगाकर पूरे साल में 100 करोड़ रुपए तक के Revenue की उम्मीद कर रहे हैं.