Indian History

Mughal Harem: मुगल हरम में फीलिंग्स का नहीं होता था कोई स्थान, बस रात दिन चलता था ये काम

इतिहास, Mughal Harem Biggest Truth :- हरम में किसी रानी या बेगम को खास बनाने के लिए अथवा वहां पर अपनी जगह बनाने के लिए कत्ल तक करवा दिए जाते थे. हरम की अपनी कुछ अलग ही विशेषताएं हुआ करती थी. हरम के बारे में आम लोगों को बात करना तक मना था. हरम से जुड़े हुए अनेक कहानियां और किस्से लोगों में मशहूर है. इसमें महिलाओं की दुर्दशा, उनकी संख्या और बादशाहो के व्यवहार को लेकर इतिहासकारों ने बहुत कुछ जानकारी दी है.

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हरम में पूरी तरह से प्रतिबंध थे इन कामों पर

बता दें कि अकबर के अतिरिक्त भी कई मुगल शासकों के हरम के किस्से यूरोप तक सुने गए हैं. इसमें सबसे पहले अकबर के बेटे जहांगीर का किस्सा बड़ा मशहूर है. इतिहासकारों ने बताया है कि जहांगीर के हरम में दुखों पर बात करने के लिए कोई जगह नहीं हुआ करती थी. शाहजहां के हरम का तो मुख्य उद्देश्य यही था कि इस जगह पर सिर्फ यौन सुख और आनंद की ही बातचीत की जाए यानी हरम की महिलाएं अपनी समस्याएं किसी से बांट भी नहीं सकती थी.

भावनाएं कोई जगह नहीं रखती थी हरम में

जाहिर सी बात है कि हरम में लंबे समय तक अकेला जीवन जीने वाली महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो जाया करती थी. वह अपना दुख हरम की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए किन्नरों को भी नहीं सुना सकती थी. यहां तक कि हरम की महिलाएं अपनी बीमारियों और किसी अन्य की मौत की बातचीत भी नहीं कर सकती थी. यदि किसी कारण से हरम की कोई महिला बीमार हो जाती तो उसे बीमारखाने में ही शिफ्ट कर दिया जाता था.

बाहर से खूबसूरत दिखने वाली हरम की औरतों की हालत अंदर से बेहद ही दयनीय हुआ करती थी. बीमार खाने में भले ही महिलाओं का इलाज हुआ करता था लेकिन वहां भी उन्हें अकेले ही पड़ा रहना पड़ता था. वे महिलाएं अपनी शारीरिक आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाती थी. उम्रदराज महिलाओं का हालचाल पूछने वाला कोई नहीं था इसीलिए उन्हें भी दवाखाने में ही अपनी मौत का इंतजार करना पड़ता था.

नियम तोड़ने वाले को दे दी जाती थी मौत की सजा

इतिहासकारों ने लिखा है कि हरम की दुनिया One Way Traffic जैसी हुआ करती थी. वहां पर महिलाओं के लिए सिर्फ आने का रास्ता था बाहर जाने का नहीं. वहां पर महिलाओं को सिर्फ बादशाह का दिल जीतना होता था तथा वे किसी और के साथ शारीरिक संबंध नहीं बना पाती थी. इन सब के चलते ही हरम की कई महिलाएं चोरी छुपे किसी और से संबंध बना बैठती थी जिसकी उन्हें Permission नहीं थी. उस समय में भारत में आए विदेशी व्यापारियों द्वारा लिखा गया है कि हरम की महिलाएं झूठी बीमारी का बहाना बनाकर इलाज के लिए आने वाले डॉक्टरों को छूने की कोशिश किया करती थी. वो डरते – डरते उन डॉक्टरों से अपने मन की इच्छा जाहिर कर देती थी क्योंकि वहां पर बादशाह के गुप्तचर रहा करते थे और नियम तोड़ने वाले को चोरी-छिपे फांसी अथवा मौत की सजा सुना दी जाती है.

Prashant Dagar

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम प्रशांत डागर है. मैं खबरी राजा की टीम में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दे रहा हूँ. इससे पहले मैंने हरियाणा की चौपाल टीवी में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दी है. हर सच से आपको रूबरू करवाना मेरा पहला कर्तव्य है.

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