Indian Railway: इस फॉर्मूले से रखे जाते है ट्रेनों के नाम, जाने दुरंतो, शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस नाम रखने का कारण
भारतीय रेलवे :- आपने भी ट्रेन (Indian Railway) में यात्रा का आनंद कभी ना कभी जरूर लिया होगा. दुनिया की सबसे बड़ी रेलवे यानी भारतीय रेलवे के मैनेजमेंट के लिए सारी प्लानिंग सरकार करती है. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि भारतीय रेलवे में ट्रेनों के नाम का फैसला कैसे लिया जाता है. आज हम आपको इस पोस्ट में जानकारी देंगे कि ऐसा कौन सा फार्मूला है जिसकी मदद से भारतीय रेल का नाम तय किया जाता है.
क्या है ट्रेन का नाम रखने का फार्मूला
काफी ट्रेन ऐसी हैं जिनका नाम उनके गंतव्य स्थान के आधार पर रखा जाता है. इससे आपको ट्रेन के नाम से पता चल जाएगा कि वह ट्रेन कहां जाएगी. कुछ ट्रेन का नाम उनकी गति गति के आधार पर रखा जाता है. भारत में ज्यादातर ट्रेनों के नाम का फैसला उनके खुलने और गंतव्य स्थान के आधार पर होता है जैसे वैशाली सुपरफास्ट एक्सप्रेस और काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस. कुछ ट्रेनें ऐसी भी हैं जिनका नाम उनकी खासियत को ध्यान में रखकर तय किया जाता है. इन ट्रेनों में राजधानी, दुरंतो और शताब्दी एक्सप्रेस शामिल हैं.
राजधानी एक्सप्रेस
राजधानी एक्सप्रेस का ऐसा नाम रखने की वजह यह है कि इस ट्रेन का स्टॉप सिर्फ अलग-अलग राज्यों की राजधानियों पर है. इसकी अधिकतम रफ्तार 140 किलोमीटर प्रति घंटा है. पहली बार राजधानी एक्सप्रेस 3 मार्च, 1969 में राजधानी दिल्ली से हावड़ा के लिए रवाना हुई थी.
शताब्दी एक्सप्रेस
शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरु के 100वें जन्मदिन पर 1989 में हुई थी जिस वजह से इस ट्रेन का नाम शताब्दी एक्सप्रेस रखा गया. इस नई दिल्ली से झांसी जंक्शन तक जाने वाली ट्रेन का उद्घाटन तत्कालीन रेल मंत्री माधवराव सिंधिया ने किया था. इसकी अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा है.
दुरंतो एक्सप्रेस
दुरंतो एक बंगाली शब्द है जिसका मतलब बिना रुकावट होता है. इस शब्द के आधार पर ही दुरंतो एक्सप्रेस का नाम रखा गया है. दुरंतो एक्सप्रेस पहली बार 19 जनवरी, 2009 को नई दिल्ली से सियालदह रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुई थी. इस ट्रेन की अधिकतम गति 140 किलोमीटर प्रति घंटा है.
वंदे भारत एक्सप्रेस
वंदे भारत एक्सप्रेस को अभी कुछ समय पहले ही भारत सरकार ने शुरू किया है. ट्रेन के नाम के पीछे का कारण भारत का एक मिशन है. कहा जा रहा है कि यह ट्रेन आधुनिक तकनीकों से लैस है. फिलहाल यह ट्रेन सब रूटों पर उपलब्ध नहीं है लेकिन जल्द ही यह भारत के हर कोने तक पहुंच जाएगी. पहली बार वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी 2019 को वाराणसी से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई थी जिसके बाद दूसरे राज्यों में भी इसकी शुरुआत की जा चुकी है.