Mustard Oil Price: सरसों तेल की कीमतों को लेकर आई खुशखबरी, चेक करें 1 लीटर का भाव
नई दिल्ली :- ग्लोबल मार्केट में आई गिरावट की वजह से दिल्ली के तेल-तिलहन मार्केट में सरसों के तेल की कीमतों में गिरावट नजर आई है. हफ्ते के पहले दिन से ही सरसों तेल की कीमतों में कमजोरी दिखाई दी है. सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में जहां 0.3 फीसदी की गिरावट रही है. वहीं, शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 2.5 फ़ीसदी मजबूत बंद हुआ था और अभी यहां गिरावट दिखाई दे रही है. इसके अलावा विदेशी बाजारों में गिरावट की वजह से सरसों के साथ-साथ पामोलिन तेल, मूंगफली, कच्चा पामतेल और सोयाबीन तेल की कीमतों में भी गिरावट देखने को मिली है.
सरसों के तेल के भाव
बता दें की मंडियों में सरसों की आवक बढ़ने से सरसों तेल के दामों में नरमी आ गयी है. पिछले 2 सालों में किसानों को तिलहन फसल के अच्छे दाम मिलने से वे अपनी फसलों को सस्ते दामों में बेचने से हिचक रहे थे. हालांकि, सरसों का भाव अभी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम ही बना हुआ है. शनिवार को मंडियों में सरसों की आवक छह लाख बोरी थी जो सोमवार को बढ़कर सात लाख बोरी हो गई. तेल मिलों को देशी तेल की पेराई में नुकसान होता है क्योंकि पेराई के बाद देशी तेल की लागत अधिक बैठती है इसलिए पेराई लगभग 50 फीसदी ही हो रही है, जिसकी वजह से सरसों खल का खुले बाजार में जो भाव पिछले साल इस समय लगभग 2,200-2,250 रुपये क्विंटल था वह इस बार बढ़कर 2,450-2,500 रुपये क्विंटल हो गया है.
प्रोडक्शन बढ़ाने पर फोकस
सूत्रों ने कहा कि घरेलू स्तर पर तिलहन का प्रोडक्शन बढ़ाने से ही विदेशी बाजारों पर निर्भरता को कम किया जा सकेगा. सरकार अगर इस दिशा में सकरात्मक कदम उठाती है, तो 1.5 लाख करोड़ रुपये तक विदेशी मुद्रा बचाई जा सकती है. इसके लिए सबसे पहले सस्ते आयातित तेलों, विशेषकर सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे नरम तेलों (सॉफ्ट आयल) के भाव को नियंत्रित करने के लिए उन पर आयात शुल्क की मात्रा बढ़ानी होगी और तभी बाजार की स्थिति ऐसी बनेगी कि देशी तेल- तिलहन खप पायेंगे.
नाफेड ने दी जानकारी
सहकारी संस्था नाफेड ने कहा कि देशी तेल- तिलहनों का बाजार बनाने पर जोर दिया जाए. आयात शुल्कमुक्त खाद्य तेलों के दाम इतने सस्ते हैं कि बिनौला बाजार में खप नहीं रहा जिसकी वजह से बिनौला पेराई मिलें और जिंनिंग मिलें.
आइए चेक करें तेल के लेटेस्ट रेट्स-
- सरसों तेल दादरी- 11,050 रुपये प्रति क्विंटल
- सरसों पक्की घानी- 1,715-1,785 रुपये प्रति टिन
- सरसों कच्ची घानी- 1,715-1,845 रुपये प्रति टिन
- सरसों तिलहन – 5,275-5,325 रुपये प्रति क्विंटल.
- मूंगफली – 6,780-6,840 रुपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,600 रुपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली रिफाइंड तेल 2,540-2,805 रुपये प्रति टिन
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,300 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,200 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल
- सीपीओ एक्स-कांडला- 8,850 रुपये प्रति क्विंटल
- बिनौला मिल डिलिवरी – 9,500 रुपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन एक्स- कांडला- 9,45 0 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन दाना – 5,200-5,350 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन लूज- 4,960-5,010 रुपये प्रति क्विंटल
- मक्का खल – 4,010 रुपये प्रति क्विंटल