Old Vehicle: मियाद पूरी कर चुके वाहनों को भी दौड़ा पाएंगे सड़कों पर, बस करना होगा ये काम
नई दिल्ली :- दिल्ली में जिन वाहनों की लाइफ खत्म हो गई है उनको लेकर सुप्रीम कोर्ट और NGT दिशा निर्देश जारी करते रहते हैं. लोगों को अक्सर भ्रम रहता है कि ऐसे वाहनों का क्या करना चाहिए. इस वजह से परिवहन विभाग ने इसको लेकर एक नया परचा जारी किया है जिसमें बताया गया है कि जिन वाहनों की लाइफ पूरी हो गई है उनको किस तरह स्क्रैप करना है या देश के किसी दूसरे राज्य में उनको चलाने के लिए NOC कैसे प्राप्त करना है. और अगर किसी ऐसे वाहन को पकड़ लिया जाता है जिसकी लाइफ पूरी हो चुकी हो तो उस स्थिति में क्या करना होता है.
परिवहन विभाग की वेबसाइट पर लें जानकारी
ऐसी स्थिति में सबसे पहले परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने वाहन की लाइफ या De-registered वाहनों की List को Check करें. सूची देखने के बाद रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रेपिंग फैसिलिटी (RVSF) से संपर्क करें. उसके बाद RVSF की जिम्मेदारी होती है कि वे आपसे संपर्क करके वाहन को उठाएं और साथ में आपको वाहन Deposit का एक Certificate भी दें.
लाइफ पूरी कर चुके वाहन को चलाने से पहले रखें इस बात का ध्यान
वाहन स्क्रेपिंग होने के बाद आपके खाते में इसकी धनराशि सीधे Transfer कर दी जाएगी. परंतु ऐसा सिर्फ तभी होगा जब आप खुद स्क्रेपिंग करवाते हैं. अगर वाहन की लाइफ समाप्त होने के बाद भी आप उसको सड़क पर चला रहे हैं तो ऐसी स्थिति में Transport Department की टीम आपके वाहन को जब्त करके RVSF को यह मामला सौंप देगी.
RVSF द्वारा किया जाएगा वाहन को कलेक्ट
इसके बाद RVSF के द्वारा वाहन के मालिक को सीजर मेमो भेजा जाएगा. RVSF सीजर मेमो को लेकर आपसे संपर्क करेंगे. इसके बाद आपसे वाहन को कलेक्ट करने का काम RVSF का होगा. साथ ही आपको RVSF द्वारा वाहन जमा करने का एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा. आपके खाते में धनराशि वाहन स्क्रेपिंग के बाद सीधे ट्रांसफर कर दी जाएगी.
कौन से वाहनों को मिलेगा NOC सर्टिफिकेट
हालांकि NOC प्राप्त करने के बाद बाकी राज्यों में वाहन के संचालन को लेकर पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए अलग- अलग नियम बनाए गए हैं. देश के बाकी हिस्सों में डीजल वाहनों को चलाने के लिए 10 साल तक और पेट्रोल वाहनों को चलाने के लिए 15 साल तक NOC जारी किया जाएगा. निर्देशों में यह भी बताया गया है कि जिन वाहनों की लाइफ पूरी हो चुकी है उनको सुनिश्चित करें कि वह आपकी निजी संपत्ति पर ही खड़े हों.
दिल्ली में पेट्रोल और डीज़ल वाहनों को लेकर क्या नियम हैं
दिल्ली की बात करें तो यहां पर पेट्रोल वाहनों की लाइफ 15 वर्ष तथा डीजल वाहनों की लाइफ 10 वर्ष है. यहां यदि आप अपने वाहन को किसी दूसरे राज्य में पंजीकृत कराना चाह रहे हैं तो उसकी लाइफ पूरी होने से लगभग 6 महीने पहले इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दें. परंतु पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वाहन का पहले कोई चालान ना हो और यदि है तो पहले उसको भरें और बाद में यह प्रक्रिया शुरू करें. वाहन चालक लाइफ पूरी कर चुके वाहनों का पंजीकरण नंबर आगे भी बनाए रख सकते हैं. इससे संबंधित सारी जानकारी आपको परिवहन विभाग द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर मिल जाएगी.