Business Idea: अब आप भी रेलवे स्टेशनों पर दुकान खोल छाप सकते हैं मोटे पैसे, स्टॉल लगाना हुआ बिल्कुल आसान
नई दिल्ली, Business Idea :- रेलवे स्टेशनों पर उत्पाद की अधिक बिक्री की जा सकें, इसके लिए एक स्टेशन एक उत्पाद योजना का निर्माण किया गया था. यह योजना पिछले वर्ष 25 मार्च को शुरू की गई थी. इसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना था. इसके नियमों को अब और भी अधिक सरल बना दिया गया है. बता दें कि इसके अंतर्गत किसी भी स्टेशन पर उस स्थान के अलावा पूरे क्षेत्र के उत्पादों की बिक्री की जा सकेगी. इसको देखते हुए स्टेशन पर Stall प्राप्त करने वालों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है. मई के महीने तक उत्तर रेलवे के 130 रेलवे स्टेशनों पर इस योजना के मुताबिक उत्पाद बेचने के लिए लोगों को स्टॉल वितरित किए गए हैं.
योजना का बढ़ाया गया दायरा
बता दें कि पहले सिर्फ स्टेशनों पर उसके आसपास के स्थानों के उत्पादों को बिक्री करने की ही Permission प्राप्त होती थी लेकिन अब इसका क्षेत्र बढ़ा दिया गया है. इसके दायरे को बढ़ाते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, MSME मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत, राज्य सरकार से संबंधित संस्थाओं को भी स्टेशनों पर अपने उत्पादों को बेचने की इजाजत दे दी गई है. राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद द्वारा OSOP Stall का डिजाइन तैयार किया गया है. इस योजना के मुताबिक, बुनकरों द्वारा तैयार कपड़े, हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा सकेगी.
कम किराए पर उपलब्ध कराए गए स्टॉल
जानकारी के मुताबिक, पहले 10 करोड़ से अधिक प्रतिवर्ष आय प्राप्त करने वाले स्टेशनों को बड़े स्टेशनों की श्रेणी में रखा जाता था लेकिन अब एक 100 करोड रुपए से अधिक आय कमाने वाले स्टेशनों को इस श्रेणी में रखा जाता है. इससे कम आय वाले स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए ₹500 किराए पर स्टोलों का वितरण किया जाएगा. दूसरे शब्दों में, इस योजना के मुताबिक छोटे स्टेशनों पर ₹500 किराया तथा बड़े स्टेशनों पर 15 दिनों के लिए ₹1000 किराए पर दुकानों का वितरण किया गया है.
20 यूनिट तक बिजली खपत के लिए नहीं देना होगा कोई शुल्क
इसके साथ ही बता दें कि पहले खपत के मुताबिक बिजली बिल लिया जाता था लेकिन अब 20 Unit बिजली के लिए कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा. इससे अधिक की बिजली की खपत करने पर बिल का भुगतान करना होगा. अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के बदलाव से अधिक लोग अपने सामान को रेलवे स्टेशनों पर बेच सकेंगे तथा इससे स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा. इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मंडल रेल प्रबंधक स्टॉल का आवंटन अधिकतम 3 महीने तक के लिए बढ़ा भी सकते है.