Chanakya Niti: इन 4 लोगों के काम में कभी न करे दखलअंदाजी, नहीं तो भुगतना पड़ेगा बुरा परिणाम
चाणक्य नीति :- Chanakya Niti के हिसाब से हमें अपने जीवन को खुशहाल बनाने के लिए कभी भी किसी व्यक्ति के काम में दखल नहीं देना चाहिए. चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु रह चुके हैं. उन्होंने चंद्रगुप्त को राजा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. चाणक्य ने चाणक्य नीति में काफी सारी बातों का उल्लेख किया है. Chanakya Niti के अनुसार हमें इन चार लोगों के काम में कभी भी दखल नहीं देना चाहिए.
कभी भी पति और पत्नी के बीच में ना बोले
पति और पत्नी को गाड़ी के दो पहिए कहा जाता है. किसी एक के बिना भी जीवन व्यतीत करना मुश्किल है. इसीलिए पति और पत्नी के बीच कभी किसी तीसरे को नहीं पड़ना चाहिए. पति और पत्नी जितना साथ समय बिताते हैं और एक दूसरे की यात्रा को बिना तोड़े जारी रखते हैं उतना ही उनका रिश्ता और मजबूत होता है. इसलिए कभी भी उनके काम में दखल नहीं देना चाहिए.
दो ज्ञानी आपस में बात करें तो बीच में न टोकें
चाणक्य के अनुसार जब भी दो ज्ञानी आपस में कोई बातचीत करते हैं तो उनके बीच में कभी तीसरे को टांग नहीं अडानी चाहिए. ऐसा करने से उनके काम में रुकावट आती है और तीसरा व्यक्ति मूर्ख कहलाता है. तीसरे व्यक्ति के बीच में बोलने से केंद्रित ध्यान भंग हो सकता है जिससे उनको सफलता प्राप्त करने में कठिनाई होती है.
हाल और बैल साथ हो तो हमेशा दूरी रखें
चाणक्य के अनुसार कभी भी हल और बैल के बीच में भी दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए. अगर आपको कहीं भी हल और बैल एक साथ दिखाई देते हैं तो हमें वहां से हट जाना चाहिए. ऐसा करने से हम अपनी सुरक्षा और भलाई को बनाए रख सकते हैं.
पुरोहितों और पुजारी के काम में दखल न दें
चाणक्य नीति के अनुसार हमें पुरोहितों या पुजारी को भी कभी नहीं टोकना चाहिए, खास कर धार्मिक आयोजन के समय उनके साथ कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए. धार्मिक आयोजन और पूजा पाठ के समय अगर हम पुजारी को टोकते हैं तो उससे विघ्न उत्पन्न होता है. साथ ही पुजारी का ध्यान भंग होता है. इसीलिए हमें कभी पुजारी को टोकना नहीं चाहिए.