Bank Locker Rules: बैंक लॉकर रखने वालों को बड़ा झटका, इस नए नियम को सुन ग्राहकों को आया पसीना
नई दिल्ली :- ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को Locker की सुविधा उपलब्ध करवाते है. कुछ बैंकों ने इस सुविधा के Rules में बड़े बदलाव किए हैं. बदलाव के बाद ग्राहकों की परेशानी बढ़ गई है. वे स्टांप ड्यूटी और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के चक्कर में फंसे हुए हैं. डेड लाइक करीब आ जाने से बैंकों की भी चिंता बढ़ गई है. क्योंकि काफी सारे बैंक की शाखाएं ऐसी है जो अभी नए नियमों को अमल में लाने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है और उनके पास अभी सभी दस्तावेज भी नहीं है. आइए जानते हैं क्या है लॉकर से संबंधित नए नियम.
लॉकर से संबंधित नियमों का करना होगा पालन
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को आदेश दिया था कि जनवरी 2024 तक लॉकर से संबंधित नए नियमों का पालन करना होगा. भारतीय बैंक संघ की तरफ से इस सिलसिले में एक Model समझौते का मसौदा भी तैयार किया गया था. लेकिन कुछ समय बाद आरबीआई ने इन नियमों में कुछ बदलाव किए. आरबीआई द्वारा किए गए संशोधन के बाद समय सीमा को बढ़ाकर चालू कैलेंडर वर्ष के अंतिम दिन तक कर दिया था. समझौते के नए फॉर्मेट में यह तय किया गया है कि बैंक अपनी देनदारी को वार्षिक लोकर किराए के 100 गुना तक सीमित करेंगे, साथ ही बैंकों को बिल्डिंग के ढहने, आग और चोरी जैसी घटनाओं पर भी नियंत्रण रखना होगा.
50 फ़ीसदी एग्रीमेंट जून तक हुआ पूरा
बैंकों के पास अभी समझौते पूरा करने के लिए केवल 6 महीने बाकी है. निर्देश में यह तय किया गया था कि 50 फ़ीसदी एग्रीमेंट जून तक किया जाएगा. कई बैंकों की शाखाओं के पास समझौते करने के लिए आवश्यक दस्तावेज मौजूद नहीं थे. इस वजह से बैंकों को नियमों का पालन करने में काफी दिक्कत हुई.
सब शाखाएं ले रही हैं अलग-अलग स्टांप शुल्क
ग्राहकों को सबसे ज्यादा दिक्कत बैंक शाखा में जाने और औपचारिकताएं पूरी करने में आ रही है. एक ही राज्य में स्थित बैंक शाखाओं के बीच स्टांप शुल्क की कीमत एक समान नहीं है. कुछ शाखाएं तो ₹100 का स्टांप शुल्क लेती है वहीं कुछ शाखाएं ₹500 का स्टांप पेपर मांग रही है. कुछ बैंक ₹2000 तक स्टांप चार्ज ले रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि समझौते के दौरान इस शुल्क को कौन भरेगा, अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है.