RBI के इस बड़े फैसले से करोड़ों लोगों को मिली राहत, अब बैंक नहीं लगा सकेंगे पेनाल्टी
नई दिल्ली :- नए नियमों से करोड़ों लोगों को राहत मिली है. आरबीआई ने लोन खातों में ब्याज दरों और पेनाल्टी दरों को बदलकर नियम बनाए हैं. केंद्रीय बैंक ने लोन खाते पर पेनाल्टी लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. RBI ने कहा कि अगले वर्ष से नए नियम लागू होंगे. आरबीआई द्वारा जारी किए गए ये नवीनतम नियम सभी बैंकों पर लागू होंगे. नए नियम कॉमर्शियल, एनबीएफसी, सहकारी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, नाबार्ड और सिडबी जैसे सभी बैंकों पर लागू होंगे.
RBI ने बदला नियम
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) द्वारा “दंडात्मक ब्याज” का उपयोग करने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की है. केंद्रीय बैंक ने इस विषय में बदले हुए नियमों को लागू किया है. नए नियमों के अनुसार, बैंक अब कर्ज भुगतान में देरी करने वाले ग्राहक पर सिर्फ “उचित” दंडात्मक शुल्क लगा सकेंगे.
1 जनवरी से लागू होगा नया नियम
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि बैंकों और अन्य ऋण संस्थानों को एक जनवरी, 2024 से दंडात्मक ब्याज लगाने की अनुमति नहीं होगी. अधिसूचना का नाम “उचित ऋण व्यवहार-कर्ज खातों पर दंडात्मक शुल्क” था.
ये केंद्रीय बैंक ने कहा
केंद्रीय बैंक ने कहा कि लोन अनुबंध की शर्तों को नहीं मानने पर कर्ज लेने वाले व्यक्ति से “दंडात्मक शुल्क” वसूला जा सकता है. इसे दंडात्मक ब्याज नहीं बनाया जाएगा. दंडात्मक ब्याज को अग्रिम ब्याज दरों में जोड़ देते हैं. साथ ही, रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि दंडात्मक शुल्क सही होना चाहिए. यह पक्षपातपूर्ण नहीं होना चाहिए, चाहे वह कर्ज हो या उत्पाद हो.
अतिरिक्त ब्याज की गणना नहीं होगी
अधिसूचना में कहा गया है कि दंडात्मक शुल्क नहीं होगा. ऐसे शुल्कों पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलेगा. यद्यपि, बाह्य वाणिज्यिक कर्ज, व्यापार क्रेडिट, क्रेडिट कार्ड आदि पर ये निर्देश केंद्रीय बैंक से लागू नहीं होंगे. केंद्रीय बैंक ने कहा कि दंडात्मक ब्याज या शुल्क लगाने का उद्देश्य कर्ज लेने वाले को नियंत्रित करना है. बैंकों को इसे अपना मुनाफा बढ़ाने के साधन के रूप में नहीं प्रयोग करना चाहिए.‘’