Bank Privatisation: जल्द ये बड़े सरकारी बैंक हो सकते हैं प्राइवेट, सरकार बना रही है नई लिस्ट
नई दिल्ली :- 2021 के Budget के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो Government Banks को Private हाथों में सौंपने का Decision लिया था. Bank Privatisation को बढ़ाने के लिए मोदी सरकार आगे बढ़ रही है और अब कई और सरकारी बैंकों को भी प्राइवेट बैंक में तब्दील किए जाने की तैयारी में लगी है. सरकार ने नए प्राइवेट बैंक की लिस्ट तैयार की है. आइए जानते हैं कौन से बैंकों को जल्द ही प्राइवेट बैंक में कन्वर्ट किया जाएगा.
जल्द ही कुछ सरकारी बैंकों को कर सकते हैं प्राइवेट
2021 में दो सरकारी बैंकों को प्राइवेट हाथों में सौंपने का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना के बाद हालात से उबर रहे बाजार में यह बात हवा की तरह फैल गई और बैंक के Privatization को लेकर कुछ नहीं हुआ. कोरोना के दौरान सभी सरकारी बैंकों ने काफी Profit कमाया और अब सरकार की कोशिश है कि प्राइवेटाइजेशन वाले बैंकों की एक नई लिस्ट बनाई जाएगी. इसलिए मोदी सरकार ने सरकारी बैंकों को कायाकल्प करने के लिए विलय और विनिवेश का रास्ता अपनाया है. पहले सरकार ने दस सरकारी बैंकों को आपस में मिलाकर 4 बड़े Bank बनाएं. इसके बाद अब सरकार एक समिति का गठन करने जा रही हैं.
2021 में भी दो बैंकों को किया जाना था प्राइवेट
अप्रैल 2021 में दो छोटे सरकारी बैंकों को प्राइवेट करने के लिए सोचा था लेकिन इन दोनों बैंकों (सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक) को अभी तक प्राइवेट करने के लिए कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. एक Report से पता लगा है कि सरकार बड़े बैंकों की बजाए छोटे बैंकों को प्राइवेटाइजेशन करने में लगी हुई है. बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी उनकी परफॉर्मेंस और अन्य मानकों के आधार पर होगी. सरकार द्वारा बनाई गई इस नई कमेटी में निवेश और लोग परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग नेता, योग और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी भी शामिल होंगे अभी सरकार द्वारा सभी सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट को चेक किया गया है. लगभग सभी बैंकों की Balance Sheet प्रॉफिटेबल है. इसलिए सरकार प्राइवेट होने लायक बैंकों की नई लिस्ट पर फोकस कर रही है.
छोटे बैंकों का प्राइवेटाइजेशन कर सकती है सरकार
अभी तक सरकार ने किस किस बैंक को प्राइवेट करना है इसके लिए कोई निर्णय नहीं लिया है. लेकिन खबर से पता लगा है कि सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब एंड सिंद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक जैसे छोटे बैंकों को प्राइवेटाइजेशन कर सकती है. इसके साथ-साथ आईडीबीआई बैंक को भी प्राइवेट करने की प्रक्रिया जारी है. पिछले साल यानी 2022- 23 के वित्तीय वर्ष में सभी बैंकों ने मिलकर एक लाख करोड़ रुपए का Profit कमाया है. वही 1 साल में सरकारी बैंकों ने निफ़्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स ने 65.4 प्रतिशत की ग्रोथ की है, जबकि निफ्टी 50 की ग्रोथ महज 16% रही है. पूरे भारत देश में अभी कुल 12 सरकारी बैंक है.