Haryana News: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का बड़ा ऐलान, अब गाँवो के हेल्थ सेंटरों पर भी मिलेगी ये खास सुविधा
चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार द्वारा लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए काफी सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. हाल ही में खबर आई है कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक बहुत बड़ा ऐलान किया है. इस ऐलान में बताया गया है कि अब से PHC स्तर पर ECG की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. पूरे भारत देश में हरियाणा पहला राज्य होगा जहां पर ग्रामीण स्तर के सभी हेल्थ सेंटर पर ईसीजी की Facility उपलब्ध कराई जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि हम अपने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ईसीजी सुविधा देने जा रहे हैं ताकि हम मरीज के प्राथमिक लक्षणों का पता लगा सके.
हरियाणा में ईसीजी की सुविधा होगी उपलब्ध
डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देशानुसार सभी राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक अध्ययन किया जाएगा. इस अध्ययन में पता लगेगा कि कहां और कितनी क्षमता की स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है. यह काम एक कंपनी को सौंपा गया है. यह कंपनी एक रिपोर्ट तैयार करके सरकार को देगी. रिपोर्ट के अनुसार ही राज्य के अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. आप ये पोस्ट KhabriRaja.com वेबसाइट पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है हमें कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
ईसीजी के लिए मरीज को नहीं जाना पड़ेगा बाहर
बहुत बार देखा गया है कि हरियाणा में ह्रदय से रिलेटेड अगर कोई भी बीमारी होती है तो मरीज को चेकअप के लिए कहीं दूर जाना पड़ता है, जिससे मरीज को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी समस्या को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री विज ने हरियाणा में पीएचसी और ईसीजी की सुविधा मुहैया करवाई है, जिसकी सहायता से अब हार्ट का रोगी अपना चेकअप अच्छे से करवा पाएगा और मरीज को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी.
अस्पतालों में जल्द ही बन सकते हैं कैथ लैब
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हरियाणा राज्य में केवल 4 कैथ लैब है. जल्दी ही हरियाणा राज्य के अन्य अस्पतालों में भी नए कैथ लैब स्थापित किए जाने की योजना बनाई जाएगी. हरियाणा में और हरियाणा के आसपास के राज्यों में सेटेलाइट या छोटे शहरों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे कि मरीजों की देखभाल वहीं पर की जा सके. इन अस्पतालों से केवल रेफर मामले ही पीजीआई (PGI) या एम्स (Aims) तक पहुंचने चाहिए ताकि वह अपनी रिसर्च अच्छे से कर सके.