Highway में जमीन देने वाले किसानों की मौज, जल्द ही Toll Tax में किसानों को मिलेगा हिस्सा
नई दिल्ली :- भारत सरकार द्वारा एक क्रांतिकारी पहल शुरू की गई है जिसमें राजमार्गों के लिए जमीन देने वाले किसानों को टोल टैक्स राज्यों में हिस्सा मिलेगा. वर्तमान प्रणाली में यह जरूरी निर्णय होता है, कि राज्य सरकार को राजमार्ग चौड़ा करने के लिए किसानों से ली गई भूमि के मुआवजे के रूप में काफी राशि खर्च करनी पड़ती है.
टोल टैक्स राजस्व में हिस्सा सरकार की गेम चेंजिंग योजना
भारत सरकार की यह पहल एक गेम चेंजिंग योजना है, जिसमें उन किसानों को लाभ दिया जाएगा जो राजमार्ग विकास के लिए भूमि प्रदान करते हैं. इस योजना में सरकार, किसानों और डेवलपर्स के बीच साझेदारी शामिल है. जिसमें किसानों को कम से कम 20 वर्षों के लिए टोल टैक्स राज्य में हिस्सा मिलता रहेगा.
राजमार्गों को दिया जाएगा सुपर स्टेट हाईवे का दर्जा
शुरुआत के पहले चरण में 20,000 से अधिक PSU वाले राज्य राजमार्ग शामिल हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 21 राज्य मार्गों का चयन होने की उम्मीद है. एक बार इनके चुने जाने के बाद राजमार्गों को सुपर स्टेट हाईवे का दर्जा दिया जाएगा और इन्हें विकसित करने के लिए 60 मीटर की कुल चौड़ाई में भूमि ली जाएगी. लोक निर्माण विभाग ने इन राजमार्गों को चुनाव करने का काम शुरू कर दिया है.
किसानों, सरकार और डेवलपर के बीच साझेदारी
सरकार की इस योजना में सरकार, किसान और डेवलपर्स के बीच साझेदारी है. किसान राजमार्गों के विकास के लिए अपनी भूमि देंगे और बदले में कम से कम 20 सालों के लिए टोल टैक्स राज्यों में इन्हें हिस्सा मिलेगा. सरकार लागत का एक बड़ा हिस्सा वसूल करेगी, जबकि डेवलपर्स लागत के अपने हिस्से की वसूली के लिए कमर्शियल आवासीय परिसरों का निर्माण करेंगे.
रिंग रोड का निर्माण
इस पहल में भागीदारी के आधार पर बड़े शहरों में रिंग रोड का निर्माण भी शामिल किया गया है. इस योजना के तहत भूमि प्रदान करने वाले किसानों को बदले में विकसित भूमि का एक हिस्सा प्राप्त होगा. सड़क निर्माण की लागत का एक ऐसा व्यवसाय कामों के लिए बनाकर वसूल किया जाए किया जाएगा. यह वर्तमान प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जहां राज्य सरकार को सड़क चौड़ीकरण के लिए किसानों से भूमि लेनी होती थी और भूमि के मुआवजे के रूप में काफी राशि खर्च करनी पड़ती थी.
इस योजना में देश के राजमार्ग बुनियादी ढांचे को बदलने की क्षमता रखते हैं.सरकार ,किसानों और डेवलपर्स के बीच साझेदारी यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को वाणिज्यिक और आवासीय क्षेत्रों से टोल टैक्स राज्य और अन्य लाभ का उचित हिस्सा मिले. इससे ना केवल किसानों को लाभ मिलेगा बल्कि देश के बुनियादी ढांचे के विकास में भी मदद मिलेगी.