Hisar News: जम्मू कश्मीर में शहीद हुआ हिसार का लाल, 2016 में हुआ था भारतीय सेना में भर्ती
हिसार :- हरियाणा (Haryana) का एक और बहादुर बेटा आतंकियों से लोहा लेते हुए देश के नाम पर बलिदान हो गया. हिसार के गांव जुगलान का रहने वाला बलिदानी सोनू जांगड़ा जम्मू कश्मीर में तैनात था. वह आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए. सोनू जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के कठुआ जिले में तैनात थे. 26 मार्च की रात को वे पोस्ट पर तैनात थे और उसी दौरान आतंकवादियों ने हमला कर दिया. हमले में सोनू के सिर पर गोली लगी थी. 26 साल के सोनू जांगड़ा का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह गांव जुगलान पहुंचा जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनके अंतिम संस्कार में आसपास के गांवों के लोग, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल भी हुए. शहीद की मां भतेरी ने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी.
2016 में आर्मी में हुआ था भर्ती
बता दें कि, मूलरूप से मेहंदा गढ़ी निवासी सोनू जांगड़ा जब 4 साल के थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. पिता की मौत के बाद माता भतेरी अपने बेटे के साथ उसके नाना-नानी के पास आकर रहने लगी. सोनू के मामा के कोई संतान नहीं थी तो उन्होंने उसे गोद ले लिया और उसका पालन पोषण किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद 2016 में वह सेना में भर्ती हो गया. करीब ढाई महीने पहले वह जुगलान आया था. शहीद सोनू जांगड़ा का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा तो मां का रो- रो कर बुरा हाल हो गया. अपने लाल को देखकर मां भतेरी देवी बार- बार बेसुध हो रही थी. पारिवारिक सदस्यों के विलाप को देखकर हर व्यक्ति की आंखें भर आई.
अभी करनी थी भारत माता की सेवा
जानकारी के अनुसार, ढाई माह पहले जब सोनू जांगड़ा गांव आया था तो उसकी मां ने शादी की बात करने को कहा था लेकिन, उस समय सोनू ने कहा कि मुझे अभी शादी नहीं करनी. अभी भारत माता की सेवा करनी है. रविवार देर रात को उनके शहीद होने की सूचना मिली तब से उनकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है. अंतिम संस्कार के दौरान भी उनकी माता कई बार बेहोश हो गई थी. गांव में चारों तरफ का माहौल गमगीन था.
हीरो को देखने के लिए श्मशान भूमि में इकट्ठा हुए सैकड़ों लोग
सूत्रों के मुताबिक, रविवार रात को जम्मू कश्मीर एरिया में आतंकवादियों और सेना के जवानों के बीच कठुआ में मुठभेड़ हो गयी थी. मुठभेड़ के दौरान जवान सोनू जांगड़ा के सिर में गोली लगी थी, जिससे वे शहीद हो गए थे. मंगलवार सुबह सेना के जवान हवलदार शिव सिंह, सिगनल मैन अमर यादव शहीद का पार्थिव शरीर लेकर गांव में पहुंचे. जब शहीद का पार्थिक शव गांव पहुंचा तो सोनू जांगड़ा अमर रहे और भारत माता की जय के नारे गूंजने लगे. शमशान भूमि में भी सैंकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे. ऐसा लग रहा था अपने बहादुर हीरो की एक बार बस झलक देख लें.
ज़ब उनका अंतिम संस्कार किया गया तो उनको जन्म देने वाली मां ने ही अपने बेटे की चिता को मुखाग्नि दी. जिस समय मां ने अपने लाल को मुखाग्नि दी उस समय सभी का हृदय चीत्कार कर उठा. हर आँख अपने बलिदानी के लिए नम थी.