Karnal Jobs: हरियाणा की बेटी को मिला भारत विभूषण अवॉर्ड, केवल 22 साल की उम्र में लिख चुकीं है 5 किताबें
करनाल :- हर एक व्यक्ति में कुछ ना कुछ Tallent जरूर होता है. लेकिन उस टैलेंट को उभारने के लिए उसे उस पर मेहनत करनी पड़ती है. ऐसा ही कुछ हरियाणा के करनाल की बेटी ने कर दिखाया है. करनाल की 22 साल की बेटी ने Bharat Vishnu Award हासिल किया. स्नेहा जैन महज 22 साल की उम्र में इस अवार्ड को अपने नाम कर चुकी है. स्नेहा ने इतनी कम उम्र में पांच किताबें लिखी है. अवार्ड मिलने पर उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. आसपास के लोग स्नेहा को बधाई देने के लिए उनके घर पर पहुंच रहे हैं. इससे पहले स्नेहा का नाम Indian Book Of Record में भी दर्ज हो चुका है. साथ ही Bharat Kavi Ratna Award भी स्नेहा को मिला हुआ है. स्नेहा का कहना है कि उनके अभिभावकों का Support और आशीर्वाद ही उन्हें इस मुकाम पर लेकर आया है.
महज़ 22 साल की उम्र में लिखी 5 किताबें
स्नेहा ने बताया कि जब वह 18 साल की थी तब से उन्होंने लिखना शुरू किया था. उन्होंने पहले अपनी लेखनी को स्कूल Notebook से ही Start किया था. जब वह 19 साल की हुई तो उन्होंने निर्णय लिया कि वह जल्द ही अपनी एक Book को Publish करेंगी. 2020 में जब पहला लोकडाउन लगा तब स्नेहा ने इस लोक डाउन का फायदा उठाया और अपने अभिभावकों और टीचरों के कहने के बाद उन्होंने अपनी बुक लिखी. उनकी टीचरों को पता था कि स्नेहा की लेखनी काफी अच्छी है.
किताब लिखने पर मिला अवार्ड
महज 19 साल की उम्र में स्नेहा ने अपनी पहली बुक को प्रकाशित करवाया और आज वह 22 साल की हो चुकी है. अब तक स्नेहा ने 5 किताबें लिखी हैं और इन 5 किताबों को प्रकाशित भी करवा चुकी है. इतना ही नहीं 5 किताबें लिखने के साथ-साथ स्नेहा 10-12 किताबों में को ओर्थर भी रह चुकी हैं.
प्रेरणा मिलने से बढ़ी आगे
स्नेहा जैन ने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी बड़ी उपलब्धि को इतनी छोटी सी उम्र में ही हासिल कर लेंगी. यह उपलब्धि मिलने के बाद उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है. इससे पहले कभी स्नेहा ने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह कभी बुक लिखेंगी और उन्हें प्रकाशित भी करवाएंगी. लेकिन जब उन्हें अपने अभिभावकों और टीचरों से प्रेरणा मिली तो वह आगे बढ़ी और इस मुकाम तक पहुंची.
किताबें पढ़ने से बढ़ती है नॉलेज
किताबों के प्रति स्नेहा का कहना है कि किताबें पढ़ने से हमें न केवल Knowledge मिलती है बल्कि सही और गलत का भी पता लगता है. जो भी अपने जीवन में आप लिख रहे हैं या फिर पढ़ रहे हैं उससे आपको यह भी पता लगेगा कि आप कहां पर Stand कर रहे हैं. किताबें पढ़ने से हमें पता लगता है कि हमें किन बातों पर ध्यान देना जरूरी है और क्या कुछ सीखने की हमें आवश्यकता है. स्नेहा के परिजनों ने कहा कि स्नेहा ने 22 साल की उम्र में 5 किताबें लिख कर अपने घर को अवार्ड से भर दिया है. अवार्ड मिलने पर स्नेहा के माता-पिता का खुशी का ठिकाना नहीं है.