Haryana News: यमुना से महज 50 मीटर दूर है ये गुरुद्वारा, पर आज तक नहीं पहुंच पाया पानी
हरियाणा में बारिश होने की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. यमुना के नजदीकी इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. इंद्री में स्थित नदियाबाद गुरुद्वारे के आसपास भी बाढ़ के आसार बने हुए हैं. गुरुद्वारे से यमुना नदी सिरू 50 मीटर की दूरी पर है. लेकिन फिर भी आज तक गुरुद्वारे में यमुना का पानी नहीं पहुंचा है. फिलहाल यमुना नदी अपने रौद्र रूप में है. लेकिन फिर भी अभी तक यमुना का पानी गुरुद्वारे की सीमा को पार नहीं कर पाया है. गुरुद्वारे के नींव सन् 1984 में रखी गई थी. यमुना नदी को गुरुद्वारे के लंगर के प्रसाद का भोग दिन में दो बार लगाया जाता है. गुरुद्वारे के आस-पास के गांव बाढ़ से ग्रसित हैं.
करनाल, हरियाणा :- फिलहाल हरियाणा में लगातार बारिश होने की वजह से चारों तरफ बाढ़ के हालात बने हुए हैं. लेकिन बाढ़ का सबसे ज्यादा असर यमुना के नजदीक वाले इलाकों में बना हुआ है. जिला करनाल के इंद्री के बहुत से गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की वजह से हालात काफी बिगड़े हुए हैं. बाढ़ के इन हालातों में भी एक जगह आपको ऐसी बताएंगे जहां अभी तक पानी नहीं पहुंचा है.
गुरुद्वारे से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर है यमुना
इंद्री में स्थित नबियाबाद गुरुद्वारा के पास बाढ़ या बारिश के कितने भी खतरनाक हालात हो लेकिन कभी भी गुरुद्वारे में पानी नहीं पहुंचता है. हैरानी की बात यह है कि गुरुद्वारे से मात्र 50 मीटर की दूरी पर ही यमुना नदी बहती है. इसके बावजूद भी गुरुद्वारे का पानी से बचे रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है. यमुना नदी पूरा साल बहती है और हर बार बारिश के मौसम में पूरे उफान पर होती है लेकिन इतना होने के बाद भी गुरुद्वारे को प्रभावित नहीं कर पाती है.
गुरुद्वारे से कुछ ही दूरी पर रास्ता बदल लेती है यमुना
यमुना का जल गुरुद्वारे की सीमा को कभी पार नहीं कर पाया. ऐसा प्रतीत होता है मानो गुरुद्वारे की दहलीज को छूकर वहां से गुजर जाता है. गुरुद्वारे के चारों तरफ बाढ़ के हालात हैं लेकिन गुरुद्वारे से कुछ ही दूरी पर यमुना अपना रास्ता बदल लेती है. सन 1984 में इस गुरुद्वारे की नींव रखी गई थी. 1986 में बाबा मुखी जगदीश सिंह ने आकर यहां भक्ति भाव और सेवा कर्मों का अलख जगाया. उस समय यमुना नदी गुरुद्वारे से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर थी.
आज तक गुरुद्वारे की सीमा को पार नहीं कर पाया यमुना का पानी
सन 1988 में यमुना का रास्ता हरियाणा की तरफ हो गया जिससे यमुना गुरुद्वारे के काफी नजदीक आ गई. ऐसा लगता था कि अब यमुना का पानी गुरुद्वारे के अंदर घुसने लगेगा. लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब की शक्ति से आज तक गुरुद्वारे में पानी प्रवेश नहीं कर पाया. गुरुद्वारे में लंगर के प्रसाद से दिन में दो बार यमुना नदी को भोग लगाया जाता है.
गुरुद्वारे के आसपास के सभी गांव हैं बाढ़ से ग्रसित
फिलहाल यमुना 5 दिनों से अपने रूद्र रूप में चल रही है और गुरुद्वारे के आसपास के सभी गांव बाढ़ से ग्रसित हैं जिनमें गांव नबीयाबाद, जप्ती छपरा सैयद छपरा, हलवाना, नकली, कमालपुर, गडरियान सहित कई गांव शामिल हैं. गुरुद्वारे के चारों ओर इतना पानी है कि वहां जाने के लिए आप ट्रैक्टर या ट्रॉली की मदद से ही जा सकते हैं. ऐसे हालातों में जिन लोगों के घरों में पानी चला गया है वह लोग गुरुद्वारे में आकर रह रहे हैं. यहां लगभग 200 लोगों के लिए रोजाना लंगर तैयार होता है.