Haryana News: हरियाणा के लाखों परिवारों की हो गई मौज, अवैध कॉलोनियों को वैध करने की मंजूरी
चंडीगढ़ :- हरियाणा (Haryana) के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) ने प्रदेश की 190 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की हिदायत दे दी है. सरकार ने कहा है कि नई अवैध कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन (Registration) ही नहीं किया जाएगा. पहले से बनी हुई कॉलोनियों, जिनमें कुछ हिस्सा या पैच अनियमित होगा, उन्हें ही तय किये गए मानदंडो के अनुसार नियमित कर दिया जाएगा. ये वह कॉलोनियां हैं, जो सभी सरकारी नियमों के अनुसार बनाई गयी है. लगभग 600-700 कॉलोनियां वैध होने की कगार पर हैं.
कार्यालय भवन बनाने का खर्चा उठाएगी राज्य सरकार
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री द्वारा यह घोषणा चंडीगढ़ (Chandigarh) मे स्थित हरियाणा निवास (Haryana Niwas) में बुधवार को सभी जिला परिषद चेयरमैन, नगर निगम के मेयर और जिला नगर आयुक्तों के साथ समीक्षा बैठक कर बातचीत की है. बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता, प्रधान सचिव वी उमाशंकर, एसीएस अरुण गुप्ता आदि भी उपस्थित रहे.
राज्य सरकार द्वारा ही दिया जाएगा खर्च
बैठक में कई अहम फैसले भी किये गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर परिषद, नगर निगम व नगर पालिकाओं के कार्यालय भवन बनाने में आने वाले खर्च को राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा और यदि भवन के लिए कहीं जमीन खरीदने या किसी विभाग से हस्तांतरित करने की जरूरत पड़ेगी तो उसका खर्च भी राज्य सरकार द्वारा ही दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई निकाय अपनी जमीन पर भवन बनाकर वाणिज्यिक गतिविधियां (Commercial Activities) करना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है. ऐसे प्रोजेक्ट का ऋण लेकर या पीपीपी मोड (PPP Mod) पर भी संचालन किया जा सकते हैं.
रेशनलाइजेशन से दूर की जाएगी कर्मचारियों की कमी
- जानकारी के अनुसार, नगर निकायों में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए राज्य स्तरीय कमेटी गठित कर रिस्ट्रक्चरिंग (Restructuring) और रेशनलाइजेशन का काम किया जाएगा.
- प्रमाणपत्र आवेदन के समय ही सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी. ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (Auto Appeal Software) में आवेदन मंजूर हुआ है या रद्द यह जानकारी दर्ज की जाएगी.
- इसके आलावा नरवाना के एक्सईएन एलसी चौहान (XEN Alsi Chauhan) को काम में लापरवाही बरतने की शिकायत करने पर पद से निलंबित कर दिया है.
- जन्म-मृत्यु और विवाह प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने की समय सीमा 21 से बढ़ाकर 30 दिन कर दी गयी है. इसके बाद विलंब शुल्क लगाया जायेगा.