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Rewari News: नौसैनिक के बेटे ने एक रुपये से शादी कर कायम की मिसाल, गोशाला को दान मे दिए एक लाख रुपये

रेवाड़ी :- आज के समय में बेटी की शादी के समय इतना खर्च लगता है कि मां बाप बेटी पैदा होते ही उसकी शादी के लिए पैसे इकट्ठा करना Start कर देते हैं. बहुत बार देखा जाता है कि मां-बाप बेटी की शादी के लिए कुछ Policy में भी पैसा लगाते हैं जिससे कि शादी के समय उनको पैसे की तंगी ना हो. लेकिन हाल ही में एक ऐसी शादी हुई है जो एक चर्चा का विषय बन गई है. शादी में केवल 1 रूपए और नारियल लेकर दुल्हन को लक्ष्मी रूप में स्वीकार किया गया है. आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी.

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1 रूपए और नारियल में हुई शादी

दिखावे के इस दौर में शादी के समय लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं. लड़की के मां-बाप को बेटी की शादी में खूब पैसा लगाना पड़ता है. ऐसे में रेवाड़ी के विजय नगर निवासी पूर्व नौसैनिक ने कन्यादान और गोदान कर समाज के लिए एक मिसाल कायम की है. उन्होंने अपने इंजीनियर बेटे की शादी में बेटी वालों से कोई दहेज नहीं लिया. अपितु केवल ₹1 और नारियल लेकर दुल्हन को लक्ष्मी के रूप में स्वीकार किया. उन्होंने गौशाला में ₹100000 का दान देकर गौ माता के लिए दिए गए दान का महत्व भी समझाया. गांव पहाड़ी से आई इस नई बहू का बेटी मानकर परिवार में स्वागत किया गया.

रेवाड़ी की शादी बनी लोगों के लिए मिसाल

रेवाड़ी के एक परिवार ने एक ऐसी पहल की है जिससे पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल कायम हो गई है. रेवाड़ी के विजय नगर के बाबूलाल और उनकी पत्नी निर्मला यादव ने कन्या को लक्ष्मी और गौ माता को संरक्षण देने की पहल की है. इन्होंने अपने इंजीनियर बेटे यशु की शादी गांव पहाड़ी निवासी अशोक कुमार की एमएससी पास पुत्री निकिता के साथ की है. दोनों परिवारों की स्वीकृति के साथ दहेज न लेकर गौशाला में दान देने का निर्णय लिया. आप ये पोस्ट KhabriRaja.com वेबसाइट पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है हमें कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.

कन्यादान के पैसे से किया गोदान

यशु के पिता पूर्व नौसैनिक और इन दिनों मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं. उनका कहना है कि लड़की स्वयं लक्ष्मी का रूप होती है तो दहेज लेकर बेटी को बोझ क्यों माना जाए. दहेज के पैसों को हम अगर गौशाला दान में लगाते हैं तो कन्यादान और गौ दोनों का पुण्य मिलता है. उन्होंने तीन गायों के लिए अलग-अलग संस्था में ₹1,01,000 का दान  दिया. यह नई परंपरा समाज के लिए प्रेरणादायक होगी.

बेटी नहीं होगी बोझ

रेवाड़ी में हुई इस अनोखी शादी को लेकर परिवार व समाज के साथ-साथ Friend राजेश कौशिक व विजय कुमार का कहना है कि इस Shadi से सबको यह Message मिलता है कि बेटी को लक्ष्मी मानकर ससुराल में मान दिया जाए तो किसी भी पिता के लिए बेटी बोझ नहीं होगी.

Riya Gupta

मेरा नाम वंदना गुप्ता है. मैं दिल्ली महरौली की रहने वाली हूँ. मैं खबरी राजा में बतौर कंटेंट राइटर जुडी हूँ. मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म किया हुआ है. मैंने दो साल News18 हरियाणा पर बतौर कंटेंट राइटर काम किया हुआ है. मुझे न्यूज़ लिखना बहुत पसंद है. मैं हर न्यूज़ को आप तक पूरी मेहनत करके पहुँचती हूँ.

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