Haryana News

हरियाणा में अब ईंट भट्ठों में कोयले की जगह जलेगी पराली, बनाए जाएंगे कागज, गत्ते व कप-प्लेट

हिसार :-  हिसार में सिरसा रोड स्थित उत्तरी क्षेत्र फार्म मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थान (TTC) ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है जिसके अंतर्गत पराली के पैलेट्स व ब्रेकेट्स (कैप्सूल) बनाने की फैक्टरी लगाई जाएगी. कोयले की जगह अब पैलेट्स व ब्रेकेट्स का Use किया जाएगा. इन सबके अतिरिक्त इससे तैयार Pulp से कागज, गत्ता, कप-प्लेट व डिस्पोजल प्लेट्स भी तैयार की जाएंगी.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

 पीपीपी मोड पर चल रही है फैक्ट्री 

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) Mode पर चल रही इस फैक्टरी में युवा, विशेषज्ञ व उद्यमी ट्रेनिंग भी लेंगे.  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव मनोज आहुजा 6 दिसंबर को हिसार आए थे. लाडवा गांव में पराली प्रबंधन के उपाय देखने के बाद सचिव ने टीटीसी के निदेशक को पराली प्रबंधन के नए तरीके खोजने के लिए मशवरा दिया था.

 पराली से बनाए जाएंगे कैप्सूल 

निदेशक का कहना है  कि टीटीसी परिसर में जो जमीन खाली पड़ी हुई है वहां पर एक फैक्ट्री लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इस Factory में मशीनों से पराली को छोटे-छोटे टुकड़े में काटने के बाद इसको प्रेस कर कैप्सूल में बदल दिया जाएगा. यह कैप्सूल  10-25 mm और 70-100 mm गोलाई के होंगे जो जलाने योग्य होंगे.

 कोयले की जगह होंगे प्रयोग

इसे ईंट भट्ठे में कोयले के स्थान पर प्रयोग में लाया जा सकेगा  इस फैक्टरी को चलाने के लिए 10 हजार टन पराली की आवश्यकता पड़ेगी. इस पराली से जो कैप्सूल तैयार किया जाएगा उस कैप्सूल की कीमत 9 रुपये प्रति किलो आएगी, जो कोयले से किफायती होगी.  इसके अलावा पराली से कागज, गत्ता, कप-प्लेट व डिस्पोजेबल खाने की प्लेट भी बनाई जा सकेंगे.

कंपनी द्वारा किसानों से खरीदी जाएगी पराली 

इस फैक्ट्री में पूरे देश से कोई भी व्यक्ति आकर पराली से जुड़े हुए अलग-अलग उत्पादों को बनाने के तरीके जान पाएंगे.  यह फैक्ट्री पीपीपी मोड में है यानी  सरकारी जमीन पर मशीनरी स्थापित होगी, लेकिन चलाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी को अधिकार दिया जाएगा. कंपनी किसानों से 10 हजार टन पराली की खरीद करेगी. अभी तक किसानों से पराली खरीदने के लिए कोई सीधी व्यवस्था नहीं है. सरकार पराली नहीं जलाने वालों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ एक हजार रुपये की सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है. लेकिन, फैक्टरी लगने के बाद प्रति क्विंटल की दर से किसानों से पराली खरीदी जाएगी.

किसानों को मिलेगा मूल्य 

जल्दी ही सरकार इसका रेट भी घोषित करेगी. इस तरह किसानों को अनुदान नहीं बल्कि पराली का मूल्य मिलेगा. टीटीसी हिसार के निदेशक डॉ मुकेश जैन का कहना है कि हमने केंद्र सरकार को फैक्टरी लगाने को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है.  टीटीसी के पास फैक्टरी लगाने के लिए पर्याप्त जगह है. यह फैक्टरी स्थानीय किसानों के अतिरिक्त उत्तर भारत के राज्यों के युवाओं और उद्यमियों के लिए वरदान होने वाली है.

Rohit Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम Rohit Kumar है. मैं खबरी राजा की टीम में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दे रहा हूँ. इससे पहले मैंने अमर उजाला और Zee न्यूज़ राजस्थान में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दी है. मैं पूरी मेहनत करके सच को आप तक सबसे पहले पहुँचता हूँ.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button