Haryana News: CM मनोहर लाल खट्टर ने दिया हरियाणावासियो को बड़ा तोहफा, बकाया बिजली बिल माफ
चंडीगढ़ :- कृषि क्षेत्र में बिजली चोरी पर लगाए गए जुर्माने में सर्कुलर वापस लेने के निर्णय ने किसानों को बड़ी राहत दी है. विस्तार से हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि उन्होंने बिजली चोरी जुर्माना मामले में सर्कुलर वापस ले लिया है जानकारी के अनुसार HERC के दबाव में यह सर्कुलर जारी किया गया था लेकिन सरकार इसका पालन करे ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान श्री मनोहर लाल खट्टर ने संबोधित करते हुए कहा कि निगमों द्वारा सर्कुलर से किसानों पर जुर्माने के तौर पर 6 लाख तक की बड़ी राशि बना दी गई थी जबकि पहले किसी Default के होने पर किसानों को 2000 से 20000 तक की राशि का जुर्माना भरना पड़ता था. हरियाणा सरकार ने यह निर्णय लिया कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए यह सर्कुलर जारी नहीं होने देंगे बल्कि 6000 करोड़ की बड़ी राशि सरकार की तरफ से बिजली निगमों को कृषि क्षेत्र में फीडरों के सुधार के लिए दी गई. उन्होंने बताया कि सरकार 10 पैसे प्रति यूनिट ट्यूबवेल की बिजली का बिल किसानों से ले रही है.
34% से घटकर 11% हुआ बिजली निगमों का लाईन लोस
मुख्यमंत्री द्वारा किसानों से निवेदन किया गया कि वह बिजली की चोरी न करें. वर्ष 2014 में बिजली निगमों का लाइन लोस 34% से कम होकर 11% पर आ गया जिससे बिजली निगमों को बड़ा लाभ प्राप्त हुआ. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा 61500 ट्यूबवेल कनेक्शन के साथ कुसुम योजना के तहत 50,000 से अधिक सोलर बिजली कनेक्शन भी बांटे गए. मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा अंत्योदय ऊर्जा सुरक्षा की घोषणा में जो अति गरीब परिवार है उन्हें बिजली कनेक्शन देने के लिए कहा. इस योजना के तहत जिनकी सालाना आय 1 लाख से कम है और जिनके बिजली के बिल पहले से बकाया होने के कारण बिजली कट गई है उनके बिल माफ करके उन्हें तुरंत बिजली का कनेक्शन देने के लिए कहा गया.
अंत्योदय ऊर्जा सुरक्षा योजना
आदेश के अनुसार अति गरीब परिवार वालों की बिजली बिलों की बकाया मूल राशि का औसतन 50% लिया जाएगा. अगर किसी परिवार का बिजली का बिल 8000 रुपए से 10000 रुपए तक बनता है और कुल बकाया राशि ₹6000 रुपए है तो 6000 रुपए की राशि में से कुल 3000 रुपए राशि ही ली जाएगी और अगर किसी का बिल 20,000 से ज्यादा है तो ऐसे में उनसे केवल 10000 रुपए की राशि ली जाएगी और वह राशि बिजली के आगे के बिलों में जोड़कर किस्तों में ही ली जाएगी. सरकार द्वारा लगाई गई शर्त के अनुसार Dark Zone के अंतर्गत आए हुए क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन तभी दिए जाएंगे जब किसान सूक्ष्म सिंचाई अपनाएंगे. क्योंकि पानी के दोहन का प्रयोग हमें एक सीमा तक ही करना है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाली पीढ़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.