Mughal Harem: मुगल हरम की थकान दूर करने के लिए ये चीज खाते थे मुगल बादशाह, रानियों को खुश करने में भी मिलती थी मदद
नई दिल्ली, Mughal Harem :- उसने अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए कई तरह के नुस्खे अपनाए, ताकि वह मर्दानगी बनाए रख सके. अब भी उनकी कहानियों में यूनानी और आयुर्वेदिक उपचारों का उल्लेख है जिनका वे इस्तेमाल करते थे-
तीतर से बनी दवाइयां
रदाना कभी-कभी तीतर और बटेर खाता था, और कभी-कभी उसे शक्तिवर्धक औषधियाँ दी जाती थीं. महाराजा ने पूरी कोशिश की कि वे कमजोर नहीं दिखें. विशेषज्ञों का कहना है कि यूनानी नुस्खों ने प्रोटीन की जरूरत बताई, इसलिए उन्होंने गर्म मांस खाया.इसलिए सूखे मेवे मांस के साथ खाए जाने लगे. उनका भोजन भी प्याज, लहसुन, खजूर और अदरक था. इन गर्म चीजों से बल मिलता है. हरताल वर्किया जड़ी को कुछ राजा पान में मिलाकर खाते थे.
मांस और सोने का सेवन
मृत्यु के नवाब वाजिद अली शाह ने मर्दाना शक्ति को बढ़ाने की कहानी सुनाई, जो उनके समय में बहुत पसंद की गई. प्रतिदिन नवाब का रसोइया राजकोष से एक अशर्फी लेकर सोने की राख बनाता था. एक दिन, नवाज के खाने का स्वाद बदल गया. दरअसल, उसने सोने की राख को रसोइये के खाने में मिलाया था. ऐसा करने से नवाब की मर्दाना ताकत और खाने का स्वाद दोनों बढ़ गए.
हिरण की नाभि
यह नवाबों और Mughal Harem बादशाहों के शाही भोजन में भी देखा गया था. आयुर्वेद में कई रस और भस्म बताए गए हैं. कुछ मुगल शासक तवे पर उबाला हुआ मांस और भस्म खाते थे. पुराने लेखों में कहा गया है कि कुछ मुगल राजाओं ने इंद्रगोप कीड़े, जंगली खरगोश और काले हिरण की नाभि खाई थीं. उन्हें लगता था कि यह पुरुष बल को बढ़ाता है.