Mughal Harem: अकबर के हरम में फुल नाईट चलती थी दारू-ड्रग्स पार्टी, बिना हिजाब वाली महिलाओं के साथ दिखते ही सीधे होता था ये काम
नॉलेज डेस्क, Mughal Harem :- भारत में अक्सर मुगलों को वामपंथियों द्वारा हमेशा से बढ़ावा दिया गया है. बिरयानी और मुरब्बा से लेकर हर चीज के लिए उन्हें श्रेय दिया गया है. वामपंथी गिरोह की नजर में अकबर उनका राष्ट्रपिता के बराबर माना गया है. आज हिजाब को लेकर भारत में कट्टर इस्लामी गिरोह सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़कों तक हर जगह दंगा फसाद कर रहा है. इन सब को देख कर उस समय को याद कीजिए जब अकबर द्वारा हिजाब को लेकर बड़े सख्त कानून बनाए गए थे.
Prostitute का काम करने को किया जाता था मजबूर
उनके द्वारा बनाए गए कानून के मुताबिक उस समय अगर कोई महिला बाजार में या कहीं सड़क पर बिना हिजाब के पाई जाती थी तो उसे वैश्या करार दे दिया जाता था. इसके अलावा अगर किसी सार्वजनिक स्थान पर किसी महिला का बुर्का हटा हुआ मिलता था तो उसके लिए भी यही सजा तय की थी. अगर किसी महिला का उसके शौहर के साथ झगड़ा होता तो उसे भी यही सजा दी जाती थी.
इस पुस्तक में है शुरुआती मुग़ल दौर के इतिहास का जिक्र
एक कानून यह था कि अगर किसी महिला की उम्र उसके शौहर से 12 साल बड़ी है तो उसे अपने शोहर के साथ रहने की अनुमति नहीं थी. इन कट्टर और क्रूर कानूनों का जिक्र “मुंतखाब-उत्-तवारीख” नाम की पुस्तक में किया गया है. यह पुस्तक 16वीं शताब्दी के फारसी मूल के इतिहासकार अब्दुल कादिर बदायूनी ने लिखी थी. इस पुस्तक में मुगलों के इतिहास के शुरुआती दौर का जिक्र किया गया है.
ऐसे क़ानून जिनकी तर्ज पर होते हैं ‘लव जिहाद’ जैसे कारनामे
आइये बताते हैं उस समय लव जिहाद जैसे करारनामों को अंजाम कैसे देते थे. अकबर के कानून के मुताबिक अगर किसी हिंदू महिला को किसी मुस्लिम व्यक्ति से प्यार हो जाता था तो उसको जबरदस्ती उसके पति से छीन कर मुस्लिम के हवाले कर दिया जाता था. उसी समय की एक घटना है जिसमें मुगल राजा अकबर के द्वारा नियुक्त किया हुआ एक सरदार अपने परिवार के साथ रहता था. उसकी सुंदर पत्नी पर अकबर की नजर पड़ी तो उसे उसके पति से तलाक दिलवा कर हरम में भेज दिया गया.
इस वजह से अकबर ने अपनी बेटियों के निकाह पर लगाया प्रतिबन्ध
सनकी होने के कारण अकबर अपनी बेटियों का निकाह नहीं होने देना चाहता था क्योंकि उसे लगता था कि निकाह के बाद उसके दामाद गद्दी के दावेदार बनने लगेंगे. अकबर का हरम हुमायूं के शासनकाल से चल रहा था लेकिन अकबर के शासनकाल में हरम में महिलाओं की संख्या बढ़ती गई. उस समय अकबर के सख्त और क्रूर कानूनों की वजह से महिलाओं का जीना दुभर हो गया था. उनका जीवन नरक जैसा बन गया था. जाने कितनी लड़कियों को बुढ़ापे की उम्र तक कुंवारी रहना पड़ा.
हरम में 5000 हज़ार से ज़्यादा महिलाओं की सुरक्षा करते थे नपुंसक
अकबर का पूरे दिन में 6 घंटे का समय हरम में बीतता था. वहां 5 हज़ार से अधिक महिलाओं की सुरक्षा के लिए नपुंसक रखे जाते थे ताकि कोई उन महिलाओं के साथ संबंध न बना सके. अकबर के हर युद्ध से आने के बाद हरम में महिलाओं की संख्या भी बढ़ती जाती थी. David Abraham की पुस्तक “The Rough Guide To India” में लिखा है कि अकबर नशीले पदार्थों का सेवन करते थे. उन्हें Persian Wine का शौक था. खास तौर पर बनाए गए जनान खाने में नशे में धुत होकर वहां पार्टियां की जाती थी जहां महिलाओं को Sexual Acts के लिए मजबूर किया जाता था.