Mughal Harem: मुगल हरम में शराब के नशे में ये चीज पसंद करना था जहाँगीर, बिना इसके नहीं आती थी नींद
नई दिल्ली, Mughal Harem :- जैसा कि इतिहास बताता है, 5000 साल पहले भारत में आम का फल पहुंचा था. आज इसकी १४०० किस्मों में से अधिकांश भारत में पाई जाती हैं और दुनिया भर में उगाई जाती हैं. आम का अतीत बहुत पुराना है भारत का लगभग ४१% आम पैदा होता है. मुगल काल में भी कई प्रकार के लोग आम थे. रातोंला, तोता परी और केसर ही लोगों का स्वाद था.
बहुत पसंद था तरबूज
बाबर भी तरबूज को बहुत पसंद करता था, लेकिन बाबरनामा में उसने लिखा है कि इसका मूल्य सोने के बराबर है क्योंकि यह आम हिंदुस्तान का सबसे अच्छा फल है. उनका कहना था कि यह कच्चा भी खाया जाता है और पकने पर मिठाई का स्वाद होता है. नूरजहां ने जहांगीर को आम और गुलाब से बनाया था. जहांगीरनामा कहते हैं कि यह शराब मदहोश कर देती थी और राजा बेगम को अधिक आकर्षित करती थी. काबुल के फलों की खूबसूरती के बावजूद उनमें से कोई भी फल इतना स्वादिष्ट नहीं था.
एक लाख आम के बाग लगाए
आम को अकबर के दरबार में फारसी शायर उर्फ सिराज ने सरताज की उपाधि दी. उन्हें लगता है कि उस आदमी की हत्या नहीं हुई है जिसे आम लोग नहीं मानते हैं. बाद में, बाबर के पोते अकबर का शासन आया, लोगों ने आम का पेड़ भी लगाना शुरू किया.बीएससी के चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर डॉक्टर SP सिंह और अध्ययन स्कॉलर दीपेंद्र यादव ने बताया कि अकबर ने 1556 से 1605 तक दरभंगा में लगभग एक लाख आम के बाग लगाए थे.
प्रेम संबंधों का हुआ विकास
बादशाह शहद में डूबे आम के टुकड़ों को ठंडा रखता था. औरंगजेब के शासनकाल में भी सामान्य प्रेम संबंधों का विकास हुआ. लोग आम भी तोहफे में देते थे. आम की बहुत सी किस्में थीं.गांव काकोरी उत्तर प्रदेश में है. यहाँ आम का पहला पेड़ लगा था, इसलिए गांव को दशहरी नाम दिया गया; इसे मदर ऑफ मैंगो भी कहा जाता है.