Mughal Harem: इस मुगल बादशाह की बहन ने हरम में बिताई नरक जैसी जिंदगी, ना चाहते हुए भी करना पड़ा ये गंदा काम
नॉलेज डेस्क :- इतिहास पढ़ते वक्त आपने मुगलों की प्रशंसा के बहुत से किस्से पढ़े होंगे. लेकिन History में मुगलों से Related काफी ऐसी चीजें हैं जो इतिहास में तो दर्ज हैं लेकिन किताबों में उनका कहीं जिक्र नहीं है. आज हम आपको ऐसे ही एक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जो Mughal बादशाह की उस बहन का है जिसको हरम में नर्क जैसा जीवन गुजारना पड़ा था. वह पहले एक से, फिर दूसरे से और फिर तीसरे पति से होते हुए 10 वर्ष बाद अपने परिवार से वापस मिली थी. आईए जानते हैं कि वह कौन सा सुल्तान था जिसने मुगलों के भी होश उड़ा दिए थे.
बाबर की बहन खानजादा की कहानी
बाबर की बहन खानजादा को ही हरम में नर्क जैसा जीवन व्यतीत करना पड़ा था. हालांकि वह अपने भाई के शासनकाल में राजनीतिक तौर पर बेहद ही Strong थीं. वह दुश्मनों को फंसाने और Difficult परिस्थितियों से बाहर निकलने में माहिर थी. भारत पर कब्जा कर लेने के बाद बाबर को अफगानी सुल्तान शायबानी से करारी हार का सामना करना पड़ा था. दिल्ली को शायबानी ने 6 महीने तक चारों ओर से घेर लिया था. हालत इतनी बुरी हो गई थी कि सैनिक भूखे मरने लगे थे. इस वजह से बाबर की बहन खानजादा सल्तनत को बचाने के लिए सामने आई.
भाई के कट्टर दुश्मन से ही कर लिया निकाह
खानजादा द्वारा शायबानी को पैगाम भेजा गया था कि यदि उन्होंने दिल्ली का घेराव बंद कर दिया और वापस जाने के लिए तैयार हो गए तो वह उनसे निकाह कर लेंगी. शायबानी तो पहले से ही उसकी खूबसूरती पर लट्टू था. पैगाम मिलते ही उसने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. बाबर के पूरे खानदान ने खानजादा को यह फैसला लेने से रोका लेकिन वह नहीं मानी. उसने अपने भाई के दुश्मन शायबानी से निकाह कर लिया. लेकिन शादी के बाद उसका जीवन नर्क की तरह हो गया. शायबानी के हरम का Part बनने के बाद खानजादा के खुर्रम नाम का बच्चा हुआ था. परंतु कुछ दिन बाद ही वह बच्चा मर गया था. इस वजह से शायबानी और खानजादा के रिश्तों के बीच कड़वाहट बढ़ती चली गई थी. उसके बाद ऐसा हुआ जिसका खानजादा को भी आभास नहीं था.
शौहर की मौत के बाद बत्तर हो गई ज़िंदगी
शायबानी ने जबरदस्ती बाबर की बहन खानजादा को अपने Harem से निकाल दिया और उसका निकाह अपने फौजी सय्यद के साथ करवा दिया. दूसरा निकाह कर लेने के बाद भी खानजादा के जीवन में दुख कम नहीं हुए. शायबानी और शाह इस्माईल के बीच युद्ध हुआ था जिसके दौरान सय्यद की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद उसकी बीवी यानी खानजादा को इस्माइल ने अपनी रखैल बना लिया था. परंतु जैसे ही इस्माइल को पता चला कि वह बाबर की बहन है तो उसने वापस खानजादा को उसके परिवार तक पहुंचा दिया. इस तरह खानजादा अपने परिवार के पास लगभग 10 साल बाद पहुंची.