मुगल हरम में अकबर का ये खास अफसर था बड़ा सनकी, देखते ही डर के मारे कांपने लगती थी खूबसूरत रानियां
नई दिल्ली :- अकबर काल में रानियों और दासियों के लिए अलग से जगह होती थी. इस जगह को हरम कहा जाता था. यह हरम किसी महल से कम नहीं होता था. हरम के अंदर रानियों के लिए सभी सुख सुविधा होती थी. लेकिन किसी भी रानी या दासी को हरम में जाने के बाद वहां से बाहर आने की इजाजत नहीं थी. न ही हरम के अंदर राजा के अलावा किसी और को जाने की इजाजत होती थी. मुगल हरम में अकबर का यह खास अफसर जा सकता था. आईए जानते हैं कौन था यह अफसर.
मुगल शासन के दौरान किन्नरों का था अलग रोब
मुगल शासन के दौरान राजा के अलावा जिनकी सबसे ज्यादा चलती थी वह किन्नर होते थे. मुगलों को किन्नरों से कुछ अलग ही लेवल का लगाव होता था. किन्नर पर बादशाह सबसे ज्यादा विश्वास करते थे. इसलिए हरम में रहने वाली बेगम और अन्य महिलाओं की सुरक्षा भी किन्नरों द्वारा की जाती थी. मुगल काल में किन्नर का अलग से स्थान होता था. अकबर का सबसे प्यारा दोस्त भी किन्नर ही था.
किन्नर को मिली थी अफसर की पदवी
मुगल शासन के दौरान किन्नर बहुत काम करते थे. कुछ किन्नर सिक्योरिटी अफसर हुआ करते थे तो कुछ सलाहकार की भूमिका निभाते थे. उस समय किन्नरों को हर सुविधा दी जाती थी. उनका लाइफस्टाइल सबसे अलग होता था. बड़े-बड़े अफसर किन्नरों के पास हाथी, घोड़े और पालकी जैसे ऐशों आराम होते थे. वही किन्नर के पास सबसे ज्यादा कपड़े और Jewellery भी होती थी.
मुगल शासन के दौरान दो किन्नर थे सबसे ज्यादा प्रसिद्ध
मुगल सल्तनत के दौरान सैकड़ो किन्नर होते थे. कुछ किन्नर तो जन्म से पैदा होते थे, लेकिन कुछ किन्नर जानबूझकर बनाए जाते थे. इनमें से दो किन्नर जावेद और इतिहास खान सबसे ज्यादा प्रसिद्ध थे. जावेद को उनके तेज दिमाग के कारण पहचान मिली थी. उनको बखूबी पता होता था कि किस मौके पर उसे क्या करना है. इसी खूबी के कारण वह मुगल इतिहास का सबसे ताकतवर किन्नर बना. बादशाह की मौत के बाद जावेद एक मशहूर किन्नर बन गया था.