Ambala-Kotputli Expressway: इस नए 6 लेन एक्स्प्रेस वे से 3 राज्य होंगे निहाल, ट्रैवल टाईम के साथ खुलेंगे रोजगार के नए रास्ते
चंडीगढ़ :- पूरे भारत देश में अलग-अलग जगह पर काफी सारे हाईवे (Expressway) बनाए गए हैं, जिससे लोगों को सफर करने में आसानी होती है और उनका काफी समय भी बचता है. कुछ समय पहले केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्य मार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विटर पर एक छह लेने वाले Modern Express Way की तस्वीर को Share किया है. तस्वीर को साझा करते हुए गडकरी ने लिखा है कि अंबाला से कोटपुतली तक सबसे छोटा सबसे तेज और सबसे सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए इसे बनाया है. यह हाईवे पूरे Haryana राज्य में व्यापक, औद्योगिक और आर्थिक विकास में तेजी लाने में मदद करेगा.
हरियाणा में बना 6 लेन वाला मॉडर्न एक्सप्रेसवे
इस 6 लेन वाले मॉडर्न एक्सप्रेस वे से नारनौल से कुरुक्षेत्र के गंगहेडी तक के 227 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को जोड़ा गया है. यह एक्सप्रेस वे 1 अगस्त 2022 से Start हुआ था. इस हाइवे पर कार की अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा और ट्रक की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है. वही इस हाइवे पर Motorcycle और ट्रैक्टर का आना वर्जित है.
8 जिलों से होकर गुजरता है यह एक्सप्रेसवे
अंबाला से कटपुतली तक बने एक्सप्रेस वे की लंबाई 313 किलोमीटर है. इस एक्सप्रेसवे से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को भी काफी फायदा होगा. यह एक्सप्रेसवे हरियाणा के 8 जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ से गुजर रहा है. इस हाईवे से हिमाचल के बद्दी और हरियाणा के अंबाला जैसे औद्योगिक शहरों को आपस में जोड़ा गया है.
जयपुर से मात्र 3 घंटे में पहुंचे चंडीगढ़
अगर आप जयपुर से चंडीगढ़ जाना चाहते हैं तो आप मात्र तीन घंटे में पहुंच सकते हैं. एक्सप्रेस वे के कारण अब शिमला जाने में भी आपको काफी कम समय लगेगा. जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पंजाब और चंडीगढ़ के साथ लगते जिलों से मुंबई और गुजरात जाने वाले वाहनों को अब दिल्ली से नहीं गुजरना होगा. वह दिल्ली कोटपुतली एक्सप्रेस वे से सीधा जयपुर के पास कोटपुतली में दिल्ली जयपुर Highway पर चढ़ सकते हैं.
24 घंटे उपलब्ध है ट्रैफिक मैनेजमेंट टीम
इस हाइवे से न केवल समय बल्कि ईंधन में भी काफी बचत होगी. इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इस पर 24 घंटे ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर की एक टीम तैनात रहती है, जो दुर्घटना या फिर अन्य जरूरत पड़ने पर लोगों की सहायता करती है. इस एक्सप्रेसवे के एंट्री पॉइंट और एग्जिट प्वाइंट पर टोलिंग सिस्टम नहीं है. यहां एक्सप्रेस वे से निकलते समय दूरी को रिकॉर्ड किया जाता है और उस के अकॉर्डिंग ही टोल टैक्स वसूला जाता है.