Export Ban: गैर-बासमती चावल के बाद इस तरह के तेल पर भी रोक, सरकार नहीं करेगी निर्यात
नई दिल्ली :- कुछ समय पहले Central Government ने गैर बासमती चावल को लेकर एक बहुत बड़ा ऐलान किया था. मोदी सरकार ने गैर बासमती चावल के Export पर बैन लगा दी है. इसके बाद अब एक और बड़ी खबर सामने आई है. गैर बासमती चावल के एक्सपोर्ट के बाद अब सरकार ने तेल रहित चावल की भूसी पर भी बैन लगाने का फैसला किया है. 30 नवंबर 2023 तक यह रोक जारी रहेगी. Directorate General of Foreign Trade के द्वारा इस मामले पर शुक्रवार को Notification जारी किया गया है.
सरकार ने तेल रहित चावल की भूसी के Export को किया बैन
भारत पूरे World में तेल रहित चावल की भूसी का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है. हर साल भारत लगभग 10 Lakh टन से भी ज्यादा चारे को एक्सपोर्ट करता है. सरकार द्वारा लिए गए फैसले का असर न केवल भारत बल्कि बाकी देशों पर भी होगा. भूसी का इस्तेमाल ज्यादातर जानवरों के चारे के लिए किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल शराब बनाने के लिए और कई बीमारियों की दवाई जैसे कोलेस्ट्रोल, दिल, मोटापे, उच्च रक्तचाप आदि के इलाज के लिए भी होता है.
इस फैसले से दूध के दाम में होगी गिरावट
सबके मन में यह सवाल जरूर आया है कि आखिरकार सरकार ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया है? सरकार का कहना है कि कुछ महीनों से दूध के दामों में काफी तेजी आई है, जिसके पीछे का कारण जानवरों के भूसे की कीमत में जबरदस्त तेजी है. ऐसे में चारे के दाम को Control किया जाएगा. इसीलिए सरकार ने इसके निर्यात को बैन कर दिया है. भूसी का इस्तेमाल गाय, भैंस के चारे के अलावा मुर्गी पालन और मछली पालन में भी होता है. जानवरों के खाने में 25 फ़ीसदी भूसा Add किया जाता है. सरकार इसके निर्यात पर बैन लगा कर किसानों को कम दाम पर भूसा उपलब्ध करवाएगी, जिससे दूध के दाम में गिरावट देखने को मिलेगी.
गैर बासमती चावल के Export को भी किया था बैन
20 जुलाई को सरकार ने गैर बासमती चावल को लेकर भी एक बहुत बड़ा Decision लिया था. गैर बासमती चावल को भी एक्सपोर्ट करना बंद कर दिया था. भारत कुल चावल का 25 फ़ीसदी हिस्सा निर्यात करता है. इस साल विश्व भर में चावल की पैदावार कम हुई है. निर्यात कम करने के बाद घरेलू बाजार में चावल के दाम को कंट्रोल किया जाएगा.