खुदाई में मिला 10 हजार साल पुराना भगवान शिव का मिला त्रिशूल, पहली बार देखने को मिला भगवान इंद्र का वज्र
नई दिल्ली :- पूरे भारत देश में काफी सारी जगह ऐसी है जहां पर भगवान के होने के संकेत मिले हुए हैं. शोधकर्ता और व्यवसायी हर रोज कुछ अलग अलग खोजने में लगे रहते हैं. प्रेस क्लब में शोधकर्ता और व्यवसायी द्वारा 10 हजार साल पुरानी त्रिशूल और 3 हजार साल पुराने वज्र का अनावरण किया गया है. उन्होंने दावा किया है कि यह सदियों पुराना त्रिशूल भगवान शिव का है और जो वज्र मिला है वह देवता इंद्र का हथियार है जो हिंदू धर्म में बारिश और तूफान के देवता के रूप में पूजे जाते हैं.
2015 में मिले त्रिशूल और वज्र
कहा जा रहा है कि 2015 में फिलीपींस में खनन के दौरान यह दोनों चीज पाई गई थी. वह तांबे के आयोजक और सोने के खनन से जुड़े हुए हैं तभी वो फिलीपींस में त्रिशूल और वज्र जैसी पुरावशेओ को देखकर काफी आश्चर्यचकित रह गए थे. बाद में जब इनकी पहचान हुई तब पता लगा कि यह God Shiva का त्रिशूल और God Inder का वज्र है. उसके बाद 2016 में इन दोनों चीजों को India लाया गया और अपने दावे का समर्थन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण खोजने का शोध किया.
8 साल में हुई इनकी पहचान
बाद में उन्होंने बताया कि उन्होंने चीजों को समझने में लगभग 8 साल लगा दिये. उसके बाद उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला कि यह दोनों चीजें पुरानी भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जुड़े हुए हैं. सैयद समीर हुसैन का कहना है कि जब उन्हें यह चीजें मिली तब इनका पता लगाने के लिए उन्होंने पुरातत्वविदों से भी मुलाकात की और इस पर चर्चा की. बाद में वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह त्रिशूल 10 हजार साल पुराना है और यह भगवान शिव का है और जो वज्र मिला है वह 3 हजार साल पुराना है जिसको भगवान इंद्र द्वारा Use किया जाता था.