Ajab Gajab: जाने दुनिया में कितनी संख्या में है यहूदी, किस धर्म के लोग है सबसे कम, कितने मुस्लिम और ईसाई हैं?
नई दिल्ली :- Ajab Gajab, दुनिया में केवल एक ही धर्म के नहीं बल्कि कई धर्म के लोग रहते हैं. अगर हम पापुलेशन रिव्यू के आंकड़े की बात करें तो सबसे ऊपर ईसाई धर्म के फॉलोअर है, वहीं दूसरे स्थान पर इस्लाम को मानने वाले लोग हैं, हिंदू धर्म का नंबर तीसरे स्थान पर आता है. आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया में कितने यहूदी है और किस धर्म के लोगों की संख्या कितनी है.
पूरी दुनिया में है 800 करोड़ से भी ज्यादा लोग
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 15 नवंबर 2022 को हुई जनगणना में पता लगा कि यह आंकड़ा 800 करोड़ से पर हो चुका है. 700 से 800 करोड़ पहुंचने में दुनिया को करीब 12 साल का समय लगा है. भविष्य में संभावना जताई जा रही है कि 15 साल के बाद यह आंकड़ा 900 करोड़ तक पहुंच सकता है. वेलड्रोमीटर के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया की आबादी 806 करोड़ से ज्यादा है. आबादी के मामले में भारत का नाम सबसे ऊपर है. वहीं दूसरे नंबर पर चीन और तीसरे नंबर पर अमेरिका है.
85% लोग धर्म को मानते हैं पहचान
दुनिया की पूरी आबादी में 85% लोग धर्म को अपनी पहचान मानते हैं. हर देश में अलग-अलग धर्म के लोग पाए जाते हैं. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के आंकड़ों से पता लगा है कि सबसे ज्यादा ईसाई धर्म के फॉलोअर हैं वहीं दूसरे नाम इस्लाम का है तीसरे स्थान पर हिंदू धर्म आता है. अगर हम यहूदी की बात करें तो यहूदी का स्थान पूरी दुनिया में सातवां है.
पहले नंबर पर हैं ईसाई धर्म के फॉलोअर
2020 के आंकड़े के हिसाब से दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले 2.38 बिलियन यानी करीब 238 करोड लोग हैं. जबकि इस्लाम धर्म को मानने वाले 191 करोड, हिंदू धर्म को मानने वाले 116 करोड़, बौद्ध धर्म को मानने वाले 50 करोड़ और अन्य धर्म को मानने वाले 6.01 करोड़ और यहूदी को मानने वाले 1.46 एक करोड़ लोग हैं.
2011 के आंकड़े में मुस्लिम की आबादी थी 17.5 करोड़
2050 तक अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुसलमान की आबादी 280 करोड़ तक पहुंच जाएगी. कुल वैश्विक आबादी की तुलना में मुस्लिम आबादी दो गुना तेजी से बढ़ रही हैं. अगर हम भारत की बात करें तो भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी 17.5 करोड़ थी जो कि पूरे देश की आबादी का 42.2 फीसदी हिस्सा था. वही 2011 में हिंदू आबादी 96.63 करोड़ की थी. ईसाई की आबादी 2.78 करोड़, सिख की 2.08 करोड़, बौद्ध 0.84 करोड़, जैन 0.45 करोड़ व अन्य 0.79 करोड़ थी.