Mundan After Death: जाने क्यों किसी की मृत्यु के बाद करवाते है मुंडन, गुराण पुराण में बताया है कारण
ज्योतिष:-Mundan After Death, हिंदू धर्म में लगभग सभी कार्य रीति-रिवाजों से पूरे किए जाते हैं. बच्चे के जन्म से लेकर व्यक्ति की मृत्यु तक जीवन भर व्यक्ति अलग-अलग रस्मो और रिवाजों का निर्वाह करता है. हिंदू धर्म में रीति-रिवाजों को बहुत महत्व दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि हिंदू धर्म में जब किसी की मृत्यु हो जाती है. उसके बाद उस व्यक्ति के अंतिम संस्कार को लेकर जो – जो नियम बनाए गए हैं उन्हीं से उसकी आत्मा की मुक्ति होती है. यदि यह नियम नहीं माने जाते हैं तो उस व्यक्ति की आत्मा धरती पर ही भटकती रहती है. ऐसा ही एक नियम है अंतिम संस्कार के समय सिर मुंडवाने का नियम. आज हम आपको इस खबर के माध्यम से इसके पीछे के कारण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.
हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए कटवाए जाते हैं बाल
जैसा कि हम सब जानते हैं कि जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी मौत के बाद उसका शरीर बुरी तरह से सड़ने लग जाता है. उसमें अनेक प्रकार के हानिकारक जीवाणु उत्पन्न होने लग जाते हैं. इसी समय के दौरान परिवार के लोगों द्वारा मृत शरीर को घर से लेकर शमशान तक ले जाने तक कई बार छुआ जाता है. जिसके कारण हानिकारक जीवाणुओं के संपर्क में अन्य व्यक्ति अथवा परिजन आ जाते हैं. वे जीवाणु उनके बालों पर भी चिपक जाते हैं. स्नान के बाद भी वे जीवाणु बालों में ना चिपके रह जाए इसी कारण बाल कटवा दिए जाते हैं.
सूतक को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कराया जाता है मुंडन
हिंदू धर्म की परंपराओं के अनुसार जब परिवार में किसी बच्चे का जन्म होता है तो उस बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद तक परिवार में सूतक लगा रहता है. इस समय परिवार वाले किसी भी धार्मिक क्रियाओं में शामिल नहीं हो पाते हैं. उसी प्रकार से यदि किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो भी परिवार में सूतक लग जाता है. इस समय के दौरान भी धार्मिक क्रियाएं वर्जित रहती हैं. इसीलिए सिर मुंडवाने पर ही सूतक पूरी तरह से खत्म हो जाता है.
मृतक व्यक्ति को सम्मान देने के लिए कराया जाता है मुंडन
कहा जाता है कि बालों के बिना सुंदरता नहीं होती है. इसीलिए व्यक्ति के निधन के बाद परिवार वाले उसके प्रति श्रद्धा और सम्मान को प्रकट करने के लिए बालों का मुंडन करा देते है.
परिजनों से संपर्क करने के लिए बालों का सहारा लेती है आत्मा
गरुड़ पुराण में जानकारी दी गई है कि जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी आत्मा उसका शरीर छोड़ने के लिए तैयार नहीं होती है. वह यमराज से प्रार्थना करके यमलोक से वापस आ जाती है और अपने परिजनों से संपर्क अथवा बातचीत करने की कोशिश करती है. शरीर ना होने के कारण वह संपर्क करने के लिए परिजनों के बालों का सहारा ले लेती है.