Hanuman Jayanti 2023: अहिरावण के संहार के लिए पंचमुखी अवतार में आये थे हनुमान बाबा, जाने इस हनुमान जी के मंदिर की अनोखी कहानी
उत्तर प्रदेश :- आज पूरे देश में Hanuman Jayanti बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी. आज के दिन राम भगत हनुमान जी की काफी पूजा की जाती है. बिजनौर में राम चौराहे पर स्थित हनुमान Temple की भी काफी मान्यता है. इस मंदिर में Hanuman Ji की पंचमुखी रूप की मूर्ति विराजमान है. मान्यता है कि सतयुग में बजरंगबली ने पंचमुखी रूप धारण करके रावण के भाई अहिरावण का वध किया था तब से ही बजरंगबली को पंचमुखी रूप में पूजा जाता है. आप ये पोस्ट KhabriRaja.com वेबसाइट पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है हमें कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में है हनुमान जी का पंचमुखी मंदिर
आज हम उत्तर प्रदेश के हनुमान मंदिर में विराजमान पंचमुखी रूप के बारे में आप सबको बताने वाले हैं. हनुमान जी के पंचमुखी अवतार में पहला मुख वानर, दूसरा गरुड़, तीसरा वराह, चौथा नरसिंह और पांचवा मुख अश्व का है. हनुमान जी के इन पांचों मुखों का अपना अलग महत्व है. कहा जाता है कि इस मंदिर में पंचमुखी रूप द्वारा पवन पुत्र अपने सभी भक्तों के दुखों को दूर करते हैं.
300 साल पुराना है यह मंदिर
प्रतिदिन इस मंदिर में हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन मंगलवार और शनिवार को मंदिर में विशेष पूजा पाठ की जाती है, जिस कारण दूर-दूर से भी भक्त मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आते हैं. आज के दिन भी हनुमान जयंती पर मंदिर में विशेष पूजा की जाएगी. श्रद्धालुओं का कहना है कि यह मंदिर लगभग 300 Year पुराना है. इस मंदिर में काफी सारे चमत्कार हुए हैं. इस मंदिर में प्रसाद चढ़ाने से और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती हैं और दुराचारी शक्तियों का प्रभाव दूर हो जाता है.
पंचमुखी हनुमान मंदिर की है काफी मान्यता
इस मंदिर की इतनी मान्यता है कि यहां पर प्रसाद के रूप में काफी चढ़ावा आता है. मंदिर के पास बनी 6 मिठाई की Shops में से महेश्वरी स्वीट के Owner ने बताया है कि उनकी दुकान में रोज लगभग 2 कुंटल पेडे और बूंदी गुलदाना बनता है. वहीं Tuesday और Saturday को करीब 5 कुंटल प्रसाद बनता है. भक्तों का इतना अटूट विश्वास है कि यह प्रसाद बनते ही बिक जाता है.
पंचमुखी अवतार धारण कर किया था अहिरावण का वध
रामायण के अनुसार जब राम और रावण में युद्ध हुआ था, उस समय रावण का मायावी भाई अहिरावण भगवान राम और लक्ष्मण को मूर्छित करके पाताल लोक में चला गया था. पाताल लोक में अहिरावण ने 5 दिशाओं में दीपक जला रखे थे. दरअसल उसे वरदान था कि जब तक कोई एक साथ इन पांचों दीपक को नहीं बुझाएगा तब तक उसको कोई नहीं मार सकेगा. इसीलिए अहिरावण को खत्म करने के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी का अवतार धारण किया था.
हनुमान जी ने 5 दिशाओं में मुख कर पांचों दीपक को एक साथ बुझाकर अहिरावण का वध कर दिया था. उसके बाद हनुमान जी ने अपने प्रभु श्री राम और लक्ष्मण को पाताल लोक से मुक्त करवाया था. इसलिए इस मंदिर की काफी मान्यता है. कहा जाता है जो भी भक्त सच्चे मन से यहां पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं हनुमान जी पूरी करते हैं.