Hariyali Teej Date 2023: इस दिन मनाई जाएगी हरियाली तीज, मनचाहा वर पाने के लिए जरूर करें ये व्रत
नई दिल्ली :- पूरे भारत देश में हरियाली तीज के त्यौहार को बहुत धूमधाम से बनाया जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं Fast भी करती हैं. उत्तर भारत में इस त्यौहार का अपना ही एक अलग महत्व है. इस त्यौहार को छोटी तीज और श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं 16 श्रृंगार करके व्रत करती हैं. आईए जानते हैं 2023 में हरियाली तीज कब मनाई जाएगी.
पूरे देश में मनाते हैं हरियाली तीज
हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. अंग्रेजी Calendar के अनुसार हरियाली तीज July के अंत में या फिर August के Starting Days में आती है. यह पर्व मुख्यतः सुहागन महिलाएं मानती हैं. इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार करके व्रत करती हैं और साथ में झूला भी झूलती हैं. Haryana में लोग गीत गाकर इस उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. तीज के पावन अवसर पर देश के अलग-अलग जगह पर मेले भी लगते हैं और माता पार्वती की सवारी भी निकाली जाती है. हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष में मनाई जाती है.
कैसे मनाते हैं हरियाली तीज
- हरियाली तीज को नव विवाहित लड़कियां सबसे ज्यादा मानती हैं. इस दिन लड़कियों को ससुराल से मायके बुलाया जाता है.
- हरियाली तीज मानने से 1 दिन पहले नव विवाहित लड़की के लिए सिंजारा मनाया जाता है. लड़की के ससुराल से वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई शगुन के तौर पर दी जाती है.
- हरियाली तीज वाले दिन मेहंदी लगाने का अपना एक विशेष महत्व है. इस दिन महिलाएं हाथों के साथ पैरों पर भी मेहंदी लगवाती हैं.
- हरियाली तीज के दिन सुहागन स्त्रियां अपनी सासू मां के पैर छू कर उन्हें सुहागी देती हैं. सास के साथ अपनी जेठानी या फिर अन्य वृद्ध को भी सुहागी दे सकते हैं.
- इस दिन महिलाएं माता पार्वती की पूजा करती हैं. महिलाएं खेत या बाग में झूला झूलती है और गीत गाकर नाचती हैं.
कैसे करें हरियाली तीज की पूजा
- हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
- हरियाली तीज के दिन एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं.
- प्रतिमा बनने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए पूजन करते हैं.
- हरियाली तीज की रात को महिलाएं जागरण और कीर्तन कर के अपना व्रत पूरा करती हैं.