Pitra Dosh: इस छोटे से उपाए से तुरंत प्रसन्न होंगे पितर, जीवनभर नहीं होगी पैसों की तंगी
ज्योतिष शास्त्र :- हिंदू धर्म मैं ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार पितरों का स्थान हमेशा से पूजनीय माना गया है. कहते हैं कि पितरों का आशीर्वाद होना बहुत जरूरी है. उनकी पूजा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है, सुख समृद्धि बढ़ती है और घर में पित्र प्रसन्न होकर वंशज को आशीर्वाद देते हैं.
पितरों को प्रसन्न रखना है बहुत जरूरी
अगर पितर नाराज हो जाते हैं तो बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं इसलिए पितरों को प्रसन्न रखना बहुत जरूरी है. ज्योतिष शास्त्रों में पित्र दोष को दूर करने के कुछ उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को करने से पितृ दोष से जल्द छुटकारा मिल जाता है. हिंदू धर्म में पितरों को विशेष स्थान दिया जाता है. ज्योतिष शास्त्र कहते हैं कि पितरों को प्रसन्न रखने से जीवन में आने वाली बाधाओं से निजात मिलती है और सफलता के द्वार खुलने लगते हैं.
पितरों के प्रसन्न रहने से आने वाली बाधाएं भी हो जाती हैं दूर
परिवार के सभी सदस्यों पर इनका आशीर्वाद होना बहुत जरूरी है क्योंकि पितरों के प्रसन्न रहने से आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती हैं और सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. यही कारण है कि हर साल पितृ पक्ष में लोग श्राद्ध और तर्पण करके पितरों को प्रसन्न करते हैं. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार हर महीने अमावस्या के दिन भी पितरों के लिए श्राद्ध कर्म किया जाता है. शास्त्रों में पितृ दोष को दूर करने के निम्न उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को अगर नियमानुसार धारण करते हैं तो पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.
जानिये पितृ दोष से छुटकारा पाने के उपाय
- कुछ लोग पितरों की तस्वीरों को मंदिर में स्थापित कर देते हैं जिसे शास्त्रों के अनुसार गलत माना गया है. वास्तु में बताया गया है कि अपने घर में किसी भी मृत व्यक्ति की फोटो दक्षिण दिशा में ही लगाना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा को ही पितरों के लिए शुभ माना गया है. मंदिर, डाइनिंग रूम, बेडरूम और किचन आदि में पितरों की तस्वीर को लगाना तो बिल्कुल ही गलत बताया गया है. इन जगहों पर पितरों की तस्वीर लगाने से वैवाहिक जीवन एवं आपसी रिश्तों पर बुरा असर पड़ता है. घर में शांति भंग हो जाती है. कहते हैं पितरों की तस्वीर को ऐसी जगह पर नहीं लगानी चाहिए जहां हमेशा उन पर नजर पड़ती रहे.
- वास्तु शास्त्र में लिखा है कि पितरों के समक्ष हमेशा दक्षिण दिशा में ही दीपक जलाना चाहिए. इसके साथ मुख्य द्वार हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए. अपने घर के बाहर या इधर-उधर कूड़ा करकट नहीं डालना चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और अगर आप पितरों को प्रसन्न रखना चाहते हैं तो घर के मुख्य द्वार पर जल अर्पित करें.
- अगर आप ऐसा चाहते हैं कि पितरों का आशीर्वाद आप पर बना रहे और पितृ हमेशा प्रसन्न रहें तो गीता के सारे अध्याय पढ़ें. अगर आप नहीं पढ़ सकते हैं तो पितृ मुक्ति से जुड़ा सातवां अध्याय अवश्य पढ़ें. ऐसा करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है.
- गीता में 18 अध्यायों के बारे में बताया गया है. अगर आप इनमें से 2 अध्याय का पाठ भी रोजाना करते हैं तो पितृ हमेशा प्रसन्न रहेंगे और उनका आशीर्वाद और कृपा दृष्टि हमेशा बनी रहेगी.