Snake Myths: क्या हकीकत में नाग की मौत का बदला लेती है नागिन? जाने क्या है सच्चाई
नॉलेज डेस्क, Snake Myths :- प्राचीन काल से ही नाग नागिन की जाने कितनी कहानियां सुनते आए हैं. पुराने लोग बताते हैं कि किसी के हाथों नाग की अगर मौत हो जाती है तो उसका बदला नागिन जरूर लेती है. भारत में ऐसी अनेक कहानियां (Snake Myths) सुनने को मिल जायेंगी. अब इनमे कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं इस बारे में.
विक्टोरिया म्यूजियम में हैं सांपों की सबसे अधिक प्रजातियां
आस्ट्रेलिया में नाग नागिन से जुड़े बहुत से अध्ययन किए जाते हैं. वहा का विक्टोरिया म्यूजियम सबसे Popular म्यूजियम है. जहां सांपों की सबसे अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. Website पर उनके बहुत से अध्ययन भी देखने को मिल जाते हैं. इन्हीं नतीजों और जो अध्ययन किए गए हैं उनके आधार पर हम सांपों से जुड़े कुछ मिथकों के बारे में जान पाएंगे.
मिथक 1
बहुत सी कल्पनाओं के आधार पर सुना है कि दो सांप हमेशा जोड़े में एक साथ ही चलते हैं लेकिन ये भी सुना है कि जो सांप बड़े होते हैं वो छोटे सांपों को मारकर खा जाते हैं. असल में संभोग के समय ही वो एक साथ पाए जाते हैं. आप ये लेख KhabriRaja.Com पर पढ़ रहे है. आपकी इस पोस्ट के बारे मे क्या राय है मुझे कॉमेंट बॉक्स मे जरूर बताएं.
मिथक 2
अब तक बहुत सुनते आए हैं कि सांपो को दूध पिलाया जाता है. धार्मिक तथ्यों के आधार पर भी सुना है कि नाग को दूध पिलाने से देवता खुश होते हैं. कहते हैं नाग कटोरी में दूध पीने के लिए आते हैं लेकिन सच्चाई ये है कि सांपों को दूध पचता नहीं है और न ही उनकी दूध पीने की कोई इच्छा होती है. ये सच है कि प्यास लगने पर ये कुछ भी पी लेते हैं.
मिथक 3
सांपों की प्रजाति को लेकर यह भी कल्पना की गई है कि जब इन्हें किसी खतरे का आभास होता है तो मादा सांप अपने बच्चों को निगलकर उन्हें बचाने की कोशिश करती है लेकिन सच्चाई तो यह है कि अंदर जाकर पाचक रसों के कारण वह तुरंत मर जाते हैं.
मिथक 4
पुराने लोगों की कल्पना के आधार पर सुना है कि अगर सांप का सिर काट दिया जाए तो वह सूर्यास्त होने तक जिंदा रहता है. जबकि सच तो यही है कि सिर कटने के बाद सांप का शरीर कुछ समय तक ही हरकत में रहता है जब तक शरीर में खून गरम होता है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है कि कोई भी सांप मरने के बाद सूरज के ढलने तक का इंतजार करेगा.
मिथक 5
फिल्मों के द्वारा लोगों में तरह तरह तरह की भ्रांतियां फैलाई गई हैं जिसकी वजह से कहा जाता है कि नाग का बदला नागिन जरूर लेती है. जब की सांपों पर ना तो कोई सामाजिक बंधन होता है और ना ही यादाश्त होती है कि वो हमलावर को पहचान सकें. ये सब हमारी ही फलाई हुई भ्रांतियां हैं.