Family Tips: गुस्सैल और ज़िद्दी बच्चे भी बन जाएंगे समझदार, बस अपनाएँ ये सिंपल से तरीके
नॉलेज डेस्क, Family Tips :- बच्चों के ऊपर छोटी चीजों का बड़ा असर पड़ जाता है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारे द्वारा दी गई शिक्षा तथा संस्कार से हम उनका अच्छा व्यक्तित्व बनाएं. परंतु कभी-कभी मां बाप बच्चों के चिड़चिड़ापन या गुस्सा करने की आदत से चिंतित रहते हैं. वैसे तो Parents को इस बात पर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि समय के साथ बच्चे अपनी भावनाओं को Control करना खुद ही सीख जाते हैं. लेकिन हम आपको कुछ ऐसे Simple तरीके बताएंगे जिनसे आप अपने बच्चे की इन आदतों को Control कर पाएंगे.
मारपीट ना करें
ज्यादातर मां-बाप बच्चे के गलती करने पर उसको थप्पड़ मार देते हैं जोकि बिल्कुल गलत है. ऐसा करने से बच्चा और जिद्दी हो जाता है. अगर आपका बच्चा कोई गलती करता है तो पहले उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसे समझाएं कि दुख, निराशा और गुस्से जैसी भावनाओं को कैसे Control किया जाता है. बच्चे के पहले शिक्षक उसके मां-बाप होते हैं. जैसा मां-बाप करते हैं बच्चा वैसा ही सीखता है.
अपने गुस्से को भी Control करना सीखें
अगर आप अपने बच्चे से छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होंगे तो बच्चा भी आपको Copy करेगा. इस वजह से यह जरूरी है कि आप अपने गुस्से को काबू में करना सीखें जिससे कि बच्चे पर गलत प्रभाव ना पड़े.
बच्चे को गुस्से से निपटने का तरीका बताएं
आपकी जिम्मेदारी है कि आप बच्चे को अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त करना सिखाएं. उसे सिखाएं कि लड़ने की जगह वह अपनी बात प्यार से भी कह सकता है. ऐसा सिखाने से धीरे-धीरे बच्चे को अपना गुस्सा शांत करना आ जाएगा.
घर में कुछ नियम बनाएं
घर में कुछ ऐसे नियम बनाए जोकि परिवार का कोई भी सदस्य ना तोड़े. जैसे कि यदि घर में कोई बदतमीजी, चिल्लाना या मारपीट करता है तो इसके लिए उसको सख्त सजा दें. सजा ऐसी हो सकती है कि जो भी नियम तोड़ेगा उसको पूरे सप्ताह हरी सब्जियां खानी होंगी.
तारीफ करके बच्चे को खुश करें
यदि बच्चा अच्छा व्यवहार व्यक्त करता है तो उसकी पसंद का कुछ बढ़िया बनाकर उसको खिलाएं. आपको हर बार उसको कोई बढ़िया तोहफा देने की जरूरत नहीं है बल्कि आपकी छोटी सी तारीफ से भी बच्चा काफी खुश हो जाएगा.
बच्चे से बातचीत करें
बच्चों की कही बातों को मां बाप को ध्यान से सुनना चाहिए. यदि वह कोई भावनात्मक बात करते हैं तो उनको Ignore ना करें. इस वजह से बच्चे को गुस्सा आ सकता है. उसकी पूरी बात सुनने पर उसको प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसको समझाएं कि किस तरह वह अपनी भावनाओं को Control कर सकता है.