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नॉलेज डेस्क: महिलाओं को खुश रखने के लिए जरूर करना चाहिए ये काम, कभी नहीं आएगी रिश्ते में दरार
नॉलेज डेस्क :- अक्सर हम इस दुनिया में जहां उत्पादकता और आत्म सुधार की दिशा में कभी ना खत्म होने वाली Race लगी रहती है वहां पर आनंद को प्राथमिकता देना Ignore कर देते हैं. आज हम इस Post में आनंद को Priority देने के Concept के ऊपर बात करेंगे और देखेंगे कि किस प्रकार यह हमारे शारीरिक मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर Impact डालता है.
कल्याण उपकरण के रूप में आनंद
- आनंद क्या है ? – आनंद में शारीरिक संवेदनाओं के साथ-साथ अनुभवों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जैसे मजेदार खाना, संगीत सुनना, दोस्तों के साथ समय बिताना या केवल प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना.
- मन और शरीर के बीच संबंध – Research से पता चला है कि आनंद के अनुभव से डोपामाईन और एंडोर्फिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर Release होते हैं जिनकी अहम भूमिका हमारे मूड को नियंत्रित करने और तनाव कम करने की है. आराम करने से भी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर Positive Impact पड़ता है. खबरी राजा
रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आनंद शामिल करना
- मानसिक आनंद :- फिलहाल जो हो रहा हो उस पर सचेत रहने से हम आनंद का पूर्ण रूप से अनुभव कर सकते हैं. इसके अलावा साधारण माइंडफूलनेस व्यायाम से भी रोजाना की जिंदगी में आनंद पाने की क्षमता बढ़ती है.
- आत्म-देखभाल को प्राथमिकता देना :- Self-care का अर्थ सिर्फ समय-समय पर खुद को लाड प्यार देना नहीं बल्कि अपनी भलाई को प्राथमिकता देना भी है. जिन चीजों से हमें आनंद मिलता है उनके लिए समय निकालना भी आत्म देखभाल का हिस्सा है.
- शोक रखना :- ऐसे शोकों में शामिल होना चाहिए जिनसे हमें आनंद मिलता है फिर चाहे वह पेंटिंग हो, बागवानी हो, डांस हो या फिर विश्राम करना ही क्यों ना हो.
सामाजिक संबंध
- दूसरों के साथ आनंद लें – अपने प्रियजनों से साथ अच्छे अनुभव Share करने से रिश्ते मजबूत होते हैं और इन क्षणों से मिलने वाली खुशी भी बढ़ती है. इसके अलावा इससे स्थायी यादें भी बनती है.
- सीमाओं की महत्ता :- आनंद को प्राथमिकता देने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि हम अतिभोग या हानिकारक व्यवहार से बचने के लिए सीमाएं स्थापित करें. ऐसा करने से हमारी आनंद की तलाश स्वस्थ है और टिकाऊ बनी रहती है.