मुगल बादशाह जहांगीर ने निकाह के लिए मरवाया दिया था पहला पति, फिर वही बेगम बनी सबसे ताकतवर मल्लिका
नॉलेज डेस्क :- मुगलों के समय की काफी कहानियां मशहूर है लेकिन आजकल की Generation सलीम और अनारकली के प्यार की कहानी से ज्यादा परिचित है. वैसे तो ज्यादातर लोगों को इस कहानी के बारे में इतिहास की किताबों की जगह फिल्मों से ज्यादा पता चला है. आज ही के दिन यानी 25 मई को मुगल बादशाह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर के बेटे शहजादे सलीम उर्फ जहांगीर ने मेहरून्निसा उर्फ नूरजहां को शादी कर अपनाया था.
जहांगीर ने मेहरुन्निसा से शादी करने के लिए की थी हर हद पार
मुगल बादशाह जहांगीर ने मेहरून्निसा से शादी करने के लिए अपनी तरफ से हर कोशिश करी थी. कहा जाता है कि जब तक मेहरून्निसा की जहांगीर से शादी नहीं हुई थी तब तक जहांगीर सिर्फ मेहरून्निसा से शादी करने के ख्याल में खोए रहते थे. मेहरून्निसा एक शादीशुदा औरत थी. जहांगीर ने मेहरून्निसा को अपने पति से तलाक तक देने के लिए उकसा दिया था. परंतु मेहरून्निसा ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था.
मेहरुन्निसा ने मुग़ल सल्तनत को अपनी उँगलियों पर नचाया
मेहरून्निसा के तलाक के मना करने पर मुगल बादशाह जहांगीर ने मेहरून्निसा के पति को मरवाने के लिए साजिश की. उनके पति के मरने के बाद जहांगीर ने उनको अपने साथ शादी करने के लिए मना लिया था. यह भी कहा जाता है कि मेहरून्निसा ने जहांगीर से शादी करने के बाद पूरे मुगल साम्राज्य को अपनी उंगलियों पर नचाया था.
आइये जानें मेहरून्नीसा का नूरजहां बनने तक का सफर
नूरजहां किसी का नाम नहीं बल्कि एक उपाधि है. नूरजहां का असली नाम मेहरून्निसा था. उनके पिता का नाम गयास बेग था तथा उनकी माता का नाम असमतबेग था जोकि तेहरान में रहा करते थे. कुछ समय बाद वह भारत की तरफ आ गए थे. 1577 में जब वे कंधार पहुंचे तब उनको एक बेटी हुई. उन्होंने अपनी बेटी का नाम मेहरून्निसा रखा था. थोड़े समय बाद गयास बेग ने मुगल दरबार में काम शुरू कर दिया था. पहले वे मुगल दरबार में दीवान बने उसके बाद जहांगीर ने उनको एतमाद उद दौला की पदवी सौंप दी थी.
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि नूरजहां को जहांगीर ने मरवाया
नूरजहां को इतिहास की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक माना जाता है. मेहरून्निसा को जहांगीर से शादी करने के बाद नूरजहां की उपाधि मिली. हालांकि जहांगीर की काफी पत्नियां थी परंतु वह नूरजहां से ही सबसे ज्यादा प्यार करते थे. जहांगीर ने नूरजहां के नाम पर सिक्का भी जारी करवाया था. जहांगीर को मेहरून्निसा पहली बार मीना बाजार में दिखी थी. वैसे तो कुछ इतिहासकार यह तक कहते हैं कि जहांगीर ने ही अपनी पत्नी मेहरून्निसा को मरवाया था.