Mughal History: इस काम से मर्दाना ताकत बढ़ाते थे मुगल बादशाह, एक रात में ………..
नई दिल्ली :- जब हम अपने इतिहास को उड़ेल कर देखते हैं तो पता चलता है कि ऐसे बादशाह और नवाब भी हुए हैं जो अपनी अयासीयों के कारण जाने जाते हैं. उन्होंने अपने इस शौक को पूरा करने के लिए तरह-तरह के नुस्खे अपनाएं ताकि उनमें बुढ़ापा ना आए और उनकी मर्दाना ताकत बनी रहे. बता दें कि अकबर के हरम में 5 हजार औरतें हुआ करती थी. हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान के महल में 86 रनियां रहती थी. उदाहरण के रूप में शाहजहां, मोहम्मद शाह और उलाउद्दीन खिलजी समेत कई बादशाह औरतों के साथ सम्बंधों के लिए जाने जाते हैं. ऐसे नवाब और बादशाहों की संख्या बहुत अधिक रही है जो अपनी पहचान हरम और रंगीनियत रूप में बनाई हुई है.
शक्ति बढ़ाने के लिए तीतर बटेर का सेवन
बता दें कि आज भी इतिहास की कहानियों में ऐसे आयुर्वेद और यूनानी नुस्खों का जिक्र किया गया है जिसे पुराने बादशाह अपनी मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए प्रयोग करते थे. तीतर बटेर से लेकर शक्ति वर्धक दवाइयों तक का किस्सा दीवान जर्मनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ में लिखा है. वह अपनी किताब में लिखते हैं कि अंग्रेजों के राज में राजा और राजकुमारियों की निजी जिंदगी कैसी होती थी. उन्होंने लिखा ‘पटियाला के महाराजा यौन संबंध बनाने के लिए परेशान रहते थे. मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए कभी तीतर बटेर खाते तो कभी शक्ति वर्धक दवाइयों का सेवन करते थे. महाराजा द्वारा हर संभव कोशिश की गई जो उन्हें कमजोर साबित ना होने दें.’
गर्म तासीर का करते थे भोजन
विशेषज्ञों का कहना है कि उन्होंने युनानी नुस्खे में इसके लिए प्रोटीन को आवश्यक बताया गया है. जिसकी पूर्ति के लिए नवाब और बादशाह गर्म तासीर का मांस खाते थे. इसी कारण उनके खाने में गोश्त के साथ सूखे मेवे पेश किए जाते थे. इसके अतिरिक्त खजूर, लहसुन, प्याज और अदरक भी उन्हें खिलाया जाता था. गर्म तासीर वाली यह चीजें शरीर में मर्दाना ताकत को बढ़ाती थी. कुछ ऐसे बादशाहो का भी जिक्र किया गया है जो पान में हरताल वक्रिया जड़ी-बूटी मिलाकर खाते थे.
उबला हुआ गोश्त और सोने की भस्म का सेवन
जानकारी के मुताबिक, अवध के नवाब वाजिद अली शाह का एक किस्सा मर्दाना ताकत को बढ़ाने का उनके दौर में काफी चर्चित हुआ था. कहते हैं कि नवाब का बावर्ची हर दिन खजाने से एक अशर्फी को लेता था और उसकी स्वर्ण भस्म तैयार करता था. एक दिन दरबारियों द्वारा उसे अशर्फी नहीं दी गई. उसी दिन से नवाब के खाने का स्वाद बदल गया. कहा जाता है कि वह बावर्ची खाने में उस भस्म को मिलाता था. ऐसा करने से खाने का स्वाद बढ़ता था और नवाब की मर्दाना ताकत में भी बढ़ोतरी होती थी.
फायदे के साथ हुए साइड इफेक्ट
सिर्फ नवाब ही नहीं मुगल बादशाहों के शाही खानपान में भी स्वर्ण भस्म को देखा गया है. आयुर्वेद में कई तरह के रस और भस्म का जिक्र सुनने को मिला है. कुछ मुगल बादशाह तो उबला हुआ गोश्त और पान में भस्म मिलाकर सेवन किया करते थे. इतिहास गवाह है कि काले हिरण नाभि, जंगली खरगोश का इंदरगोप तथा कीड़े को खाते थे. उनका मानना था कि यह सब मर्दाना ताकत में को बनाए रखेंगे. बता दें कि इन नुसखों से राजाओं को सिर्फ फायदे ही नहीं हुए हैं. इससे उनकी मर्दाना ताकत तो बड़ी होगी लेकिन उनको कई Side Effects भी झेलने पड़े हैं. Power बढ़ाने वाली दवाइयों के कारण राजाओं में प्रोस्टेट ग्रंथि के कई लक्षण दिखाई दिए हैं.